
जजों की मॉर्निंग मीटिंग वैसे तो एक नियमित प्रक्रिया है जो हर वीक डे पर बुधवार छोड़कर होती है लेकिन सोमवार कोई साधारण दिन नहीं था इसलिए पांच मिनट की बैठक 20 मिनट तक चली। इससे सभी सिटिंग जज अपने कोर्टरूम में 15 मिनट देरी से पहुंचे। नायडू ने बैठक से कुछ मिनट पहले ही महाभियोग प्रस्ताव को ठोस सबूतों की कमी का हवाला देते हुए खारिज कर दिया था। इस बैठक में जस्टिस रंजन गोगोई ने सीजेआई से आग्रह किया कि जितनी जल्दी हो सके वह जजों की चिंताओं और मुद्दों पर बात करें। हालांकि दीपक मिश्रा के बाद सीजेआई बनने वाले जस्टिस गोगोई ने कहा कि जो कुछ भी अतीत में हुआ उसे पीछे छोड़ देना चाहिए। अक्टूबर में गोगोई सीजेआई का कार्यभार संभालेंगे। उन्होंने कहा कि जजों को आगे बढ़कर संस्थान की छवि को उज्जवल बनाने के लिए काम करना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि बैठक में सीजेआई को जजों की चिंताओं के बारे में पता चला। उन्होंने कहा कि इन्हें जल्द ही अनौपचारिक बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा। इसके लिए कोर्ट मीटिंग की जरूरत नहीं है। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि मैं अपनी पूरी कोशिश कर रहा हूं। जहां बहुत सारे जजों ने बैठक के दौरान अपनी बात रखी। वहीं जस्टिस चेलमेश्वर ने कुछ नहीं कहा।