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Up Kiran, Digital Desk: पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश का असर अब देश की राजधानी दिल्ली पर पड़ने लगा है। हरियाणा ने यमुनानगर स्थित हथिनी कुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा है, जिसके बाद दिल्ली में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन ने यमुना नदी के किनारे बसे निचले इलाकों के लिए हाई अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।

खतरे के निशान के करीब यमुना

हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद, दिल्ली में यमुना नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है और खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। अधिकारियों का अनुमान है कि यह पानी अगले 48 से 72 घंटों में दिल्ली पहुंचेगा, जिससे यमुना का जल स्तर और भी बढ़ सकता है।

दिल्ली सरकार का बाढ़ एवं सिंचाई विभाग लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। सभी संबंधित विभागों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।

इन इलाकों पर है सबसे ज्यादा खतरा

यमुना के बढ़ते जल स्तर का सबसे पहला और सबसे ज्यादा असर नदी के किनारे बसे निचले इलाकों, जिन्हें 'खादर' कहा जाता है, पर पड़ने की आशंका है। इन इलाकों में हजारों लोग रहते हैं, जिनमें ज्यादातर किसान और मजदूर हैं। प्रशासन ने इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से तुरंत ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर चले जाने की अपील की है। राहत शिविर भी तैयार किए जा रहे हैं ताकि विस्थापित लोगों को वहां ठहराया जा सके।

क्यों छोड़ा गया पानी?

दरअसल, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में पिछले कुछ दिनों से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। इस बारिश का सारा पानी नदियों के जरिए बहकर हथिनी कुंड बैराज में इकट्ठा हो रहा था। जब बैराज में पानी का स्तर क्षमता से अधिक हो गया, तो बैराज के गेट खोलकर पानी को यमुना में छोड़ना पड़ा, ताकि बैराज को किसी भी तरह के नुकसान से बचाया जा सके।

यह दिल्ली वालों के लिए एक परीक्षा की घड़ी है। प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है, लेकिन आम लोगों को भी सतर्क रहने और प्रशासन द्वारा जारी की गई चेतावनियों का पालन करने की सख्त जरूरत है, ताकि किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान से बचा जा सके।

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