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Up Kiran, Digital Desk: हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार, जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर भक्तगण भगवान को प्रसन्न करने के लिए व्रत (उपवास) रखते हैं, जो उनकी श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। हालांकि, कई बार व्रत रखते समय हम अनजाने में कुछ ऐसी गलतियाँ कर बैठते हैं, जिनका हमारी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यदि आप भी जन्माष्टमी का व्रत रख रहे हैं, तो यह जानना बहुत ज़रूरी है कि किन गलतियों से बचना चाहिए ताकि आप स्वस्थ रहें और पूरी भक्ति भावना से त्योहार मना सकें।

शरीर को निर्जलित (Dehydration) रखना:
व्रत के दौरान सबसे आम गलतियों में से एक है पर्याप्त मात्रा में पानी या अन्य तरल पदार्थ का सेवन न करना। निर्जलीकरण से कमजोरी, चक्कर आना, सिरदर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

सही तरीका: व्रत के दौरान सादा पानी, नारियल पानी, फलों का रस (बिना चीनी के), या छाछ (यदि आप व्रत में इसका सेवन करते हैं) जैसे तरल पदार्थों का सेवन करते रहें। यह आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करेगा।

व्रत तोड़ने के तुरंत बाद अत्यधिक भोजन करना:
पूरे दिन उपवास रखने के बाद, कई लोग व्रत तोड़ते ही बहुत सारा तला हुआ भोजन, मीठा या भारी खाना खा लेते हैं। इससे पाचन तंत्र पर अचानक दबाव पड़ता है और अपच, पेट दर्द या अजीर्ण जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

सही तरीका: व्रत तोड़ने के लिए हल्के और आसानी से पचने वाले भोजन से शुरुआत करें। फल, मेवे, दही या दूध का सेवन अच्छा रहता है। धीरे-धीरे सामान्य भोजन की ओर बढ़ें।

अस्वास्थ्यकर या प्रसंस्कृत (Processed) फास्टिंग फूड का सेवन:
आजकल कई तरह के 'व्रत के नमकीन', 'व्रत के चिप्स', या तैयार फलाहार उपलब्ध हैं, जिनमें अक्सर अतिरिक्त नमक, चीनी और प्रसंस्कृत तेल का इस्तेमाल होता है। ऐसे उत्पादों का सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है, खासकर व्रत के दौरान जब आपका शरीर नाजुक स्थिति में होता है।

सही तरीका: घर पर बने ताज़े फलों, मेवों, सामक चावल (यदि आप उपवास में खाते हैं), शकरकंद, आलू, पनीर, या फल जैसे प्राकृतिक और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों का सेवन करें।

व्रत से पहले भोजन छोड़ना या अपर्याप्त तैयारी:
कुछ लोग सोचते हैं कि व्रत रखने से पहले कम खाने से उपवास आसान हो जाएगा, लेकिन यह एक गलत धारणा है। शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है, और यदि आप उपवास से पहले पर्याप्त पोषण नहीं लेते हैं, तो आप कमजोर महसूस कर सकते हैं।

सही तरीका: व्रत रखने से एक रात पहले संतुलित और पौष्टिक भोजन करें। साबुत अनाज, दालें, सब्जियां और फल शामिल करें ताकि आपका शरीर उपवास के लिए तैयार हो सके।

अपने शरीर की सुनना बंद कर देना:
व्रत रखना आपकी आस्था का प्रतीक है, लेकिन अपने शरीर के संकेतों को नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है। यदि आपको अत्यधिक कमजोरी, चक्कर, बेहोशी या मतली महसूस हो रही है, तो यह एक संकेत है कि आपको उपवास तोड़ना चाहिए।

सही तरीका: अपने शरीर की सुनें। यदि आप अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं, तो सुरक्षित रहने के लिए व्रत तोड़ दें। पुरानी बीमारियों वाले लोगों या गर्भवती महिलाओं को व्रत रखने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।

स्वस्थ जन्माष्टमी व्रत के लिए कुछ अतिरिक्त सुझाव:

थोड़ा-थोड़ा करके खाएं: यदि आप निर्जल उपवास नहीं रख रहे हैं, तो पूरे दिन में थोड़ा-थोड़ा करके फल, मेवे या दूध का सेवन करते रहें।

विश्राम करें: व्रत के दिन आराम करने की कोशिश करें और भारी शारीरिक गतिविधियों से बचें।

धैर्य रखें: व्रत का मुख्य उद्देश्य ईश्वर की भक्ति है। यदि आप अस्वस्थ महसूस करते हैं, तो धैर्य रखें और अपनी सेहत को प्राथमिकता दें।

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