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Up kiran,Digital Desk : नमस्ते दोस्तों! अगर आप इस वक्त अयोध्या में नहीं हैं, तो यकीन मानिए आप कुछ बहुत बेहद खास मिस कर रहे हैं। आज की सुबह अयोध्या में वैसी नहीं थी जैसी रोज होती है। आज हवा में ठंडक तो है, लेकिन दिलों में आस्था की जबरदस्त गर्मी है।

तारीख 25 नवंबर 2025 है, और पूरा अयोध्या धाम इस वक्त राममय हो चुका है। आप किसी भी रास्ते पर निकल जाइए—चाहे वो रामपथ हो, भक्तिपथ हो या जन्मभूमि पथ—हर तरफ बस "श्री राम, जय राम, जय जय राम" की मधुर धुन कानों में मिस्री घोल रही है।

अयोध्या बनी 'नई दुल्हन', चप्पे-चप्पे पर पहरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत और राम मंदिर के शिखर पर होने वाले ध्वजारोहण के लिए नगरी को ऐसे सजाया गया है, जैसे किसी नई नवेली दुल्हन को सजाया जाता है। हर चौक-चौराहा फूलों से लदा है। यहां का नजारा देखकर वहां मौजूद बुज़ुर्गों के मुंह से बस यही निकल रहा है— "भैया, ऐसा लग रहा है जैसे त्रेता युग वापस आ गया हो।"

लेकिन इस सुंदरता के साथ-साथ खाकी वर्दी की मुस्तैदी भी दिख रही है। पीएम की सुरक्षा के लिए SPG, NSG और ATS के जवान सड़कों पर तैनात हैं। कई इलाकों को सील किया गया है, लेकिन क्या मजाल जो रामभक्तों के कदम रुक जाएं?

आस्था के आगे बैरिकेड्स फेल

सुरक्षा के कड़े इंतजाओं के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक है। सुबह के 4 बजे से ही सरयू घाट पर भीड़ जुटने लगी थी। ठंड की परवाह किए बिना लोग पवित्र सरयू नदी में डुबकी लगा रहे हैं और दान-पुण्य कर रहे हैं।

आज का दिन विशेष है, इसलिए कई भक्तों ने पुण्य कमाने के लिए 'गो-दान' (गाय का दान) भी किया। एक भक्त ने मुझसे बात करते हुए बहुत प्यारी बात कही, "मंदिर के अंदर जाना आज मुश्किल हो सकता है क्योंकि पीएम आ रहे हैं, लेकिन हमारी अर्जी तो बाहर से भी रामलला सुन ही लेंगे। आस्था किसी पास (Pass) या परमिशन की मोहताज नहीं होती।"

आध्यात्मिक ऊर्जा अपने चरम पर

भले ही आज मुख्य मंदिर में आम दर्शन में थोड़ी बाधा हो, लेकिन अयोध्या के बाकी मठ-मंदिरों में घंटे-घड़ियाल वैसे ही बज रहे हैं जैसे रोज बजते हैं। पूजा-अर्चना चल रही है, हवन हो रहे हैं। भूमि पूजन और प्राण प्रतिष्ठा के बाद, आज ध्वजारोहण का यह दिन हर रामभक्त के लिए किसी दिवाली से कम नहीं है।

हर कोई उस पल का इंतजार कर रहा है जब पीएम मोदी उस विशाल ध्वज को रामलला के घर की छत पर फहराएंगे और आसमान केसरिया हो जाएगा। जय सिया राम!