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Up Kiran, Digital News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की "महिला संवाद यात्रा" का मंगलवार को भागलपुर के नाथनगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मुखेरिया गांव में पड़ाव था। राज्य सरकार की योजनाओं और महिला सशक्तिकरण के संदेश को लेकर चल रही इस यात्रा को लेकर लोगों में खासा उत्साह था, लेकिन आयोजन के दौरान संवादहीनता के चलते कार्यक्रम विवादों में घिर गया।
मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए गांव की गलियों से लेकर कार्यक्रम स्थल तक बड़ी संख्या में स्कूली छात्र, महिलाएं और जीविका दीदी मौजूद थीं। लोग उम्मीद कर रहे थे कि मुख्यमंत्री मंच पर आकर उनसे सीधे संवाद करेंगे, समस्याएं सुनेंगे, और योजनाओं की जानकारी देंगे। लेकिन मुख्यमंत्री कुछ स्टॉल का निरीक्षण कर बिना मंच पर आए ही कार्यक्रम स्थल से रवाना हो गए।
निराशा में बदला इंतजार, महिलाओं ने किया प्रदर्शन
मुख्यमंत्री के बिना संवाद किए लौटने की खबर फैलते ही मौके पर मौजूद महिलाओं में नाराज़गी फैल गई। कई महिलाओं ने अपने हाथों में लिए आवेदन पत्रों को हवा में लहराना शुरू कर दिया और नारेबाजी करते हुए अपनी समस्याओं को लेकर हंगामा किया।
महिलाओं का कहना था, “हम सुबह से यहां खड़े हैं, सोच रहे थे कि मुख्यमंत्री जी हमारी बात सुनेंगे। लेकिन वे बिना कुछ बोले चले गए। ये अपमान की बात है।” एक अन्य जीविका दीदी ने कहा, “यह कार्यक्रम अगर संवाद यात्रा है, तो संवाद क्यों नहीं हुआ?”
स्थानीय प्रशासन पर उठे सवाल
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में संवाद न होने और महिलाओं के विरोध को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और आयोजन की तैयारियों पर सवाल उठने लगे हैं। कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा और प्रबंधन के इंतज़ाम तो थे, लेकिन जन-संवाद को लेकर कोई स्पष्ट योजना नजर नहीं आई।
हालांकि, मुख्यमंत्री के साथ डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और जल संसाधन मंत्री विजय नारायण चौधरी भी मौजूद थे, लेकिन उन्होंने भी मंच से कोई जनसंवाद नहीं किया।
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