img

राजस्थान इलेक्शन में टिकट को लेकर मियां बीवी के मध्य खिंची लकीरों की चर्चा जोरों पर है। कांग्रेस ने अपनी दूसरी लिस्ट में अलवर जिले के रामगढ़ विधानसभा सीट से विधायक सफिया जुबेर खान का टिकट काटकर उनके पति जुबेर खान को दे दिया है। सूची के सामने आने के बाद पति पत्नी में जुबानी जंग शुरू हो गई है।

ऐसी ही स्थिति सीकर जिले की दांतारामगढ़ विधानसभा सीट पर भी बनती दिख रही है। हालांकि राहत की बात ये है कि यहां दोनों पति पत्नी अलग अलग दलों में है। दरअसल इस सीट पर जननायक जनता पार्टी ने जैसे ही दांतारामगढ के कैंडिडेट के तौर पर रीटा सिंह के नाम पर मुहर लगाई वैसे ही अटकलों का बाजार गर्म हो गया।

दांतारामगढ़ में ये बात चर्चा में है कि अगर कांग्रेस इस सीट पर अपने सबसे प्रबल दावेदार वीरेंद्र सिंह को एक बार फिर से अपना उम्मीदवार बनाती है तो यहां चुनाव मैदान में पति और पत्नी दोनों आमने सामने होंगे। दांतारामगढ़ के लिए जननायक जनता पार्टी की कैंडिडेट रीटा सिंह का नाम नया नहीं है।

रीटा कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रहे नारायण सिंह की बहू है और सीकर की पूर्व जिला प्रमुख भी। बरसों तक कांग्रेस में रहते हुए रीटा ने कई अहम जिम्मेदारियां निभाई। उनके पति वीरेंद्र सिंह दांतारामगढ़ से कांग्रेस एमएलए है। वीरेंद्र सिंह और उनकी वाइफ रीटा सिंह के मध्य सियासी खींचतान विधानसभा इलेक्शन 2018 में शुरू हुई थी।

मियां-बीवी होंगे आमने सामने!

वीरेंद्र की वाइफ पहले भी दावेदारी जता चुकी हैं, किंतु कांग्रेस ने टिकट वीरेंद्र को दिया था। दांतारामगढ़ सीट पर फिलहाल प्रतीक्षा कांग्रेस की लिस्ट का हो रही है। यहां एक मर्तबा फिर से वीरेंद्र सिंह का दावा मजबूत माना जा रहा है। उनके टिकट की यहां संभावनाएं अधिक है। उनके टिकट की फाइनल होते ही यह तय हो जाएगा कि इस सीट पर मियां-बीवी आमने सामने होंगे। 

--Advertisement--