Up Kiran, Digital Desk:समाज में जहां बेटियों की शिक्षा को लेकर आज भी कई घरों में रूढ़ियां हावी हैं, वहीं बागपत की एक छात्रा ने कुछ ऐसा कर दिखाया जिससे हर किसी को सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा। इंटर पास करने के बाद जब उसे आगे पढ़ने से रोका गया, तो वह चुप नहीं बैठी। अपनी पढ़ाई के अधिकार के लिए वह खुद थाने पहुंच गई।
यह मामला खेकड़ा कस्बे का है, जहां की एक युवती ने ग्रेजुएशन में दाखिला लेना चाहा। मगर उसके माता-पिता इसके खिलाफ थे। लाख मिन्नतों के बावजूद जब घरवाले नहीं माने, तो छात्रा सीधे खेकड़ा कोतवाली जा पहुंची और वहां शिकायत दर्ज करा दी।
शिकायत मिलते ही महिला शक्ति टीम हरकत में आई। छात्रा के माता-पिता को थाने बुलाया गया। पुलिस टीम ने धैर्यपूर्वक उन्हें समझाया कि बेटियों की पढ़ाई रुकवाना न केवल उनके अधिकारों का हनन है बल्कि देश की प्रगति में भी बाधा डालता है।
बातचीत के बाद माता-पिता का नजरिया बदला और उन्होंने बेटी को आगे पढ़ाने का वादा किया। इसके बाद छात्रा ने राहत की सांस ली और अपने माता-पिता के साथ घर लौटी।
इस पूरी घटना पर एसपी सूरज कुमार राय ने बताया कि लड़की का कहना था कि उसे जबरन घर के कामों में लगाया जा रहा है, जबकि वह पढ़ाई जारी रखना चाहती है। उसके आत्मविश्वास और हिम्मत की सराहना की जानी चाहिए, क्योंकि उसने अपनी शिक्षा के लिए खुद आवाज उठाई।
क्या कहती है ये घटना?
यह मामला केवल एक छात्रा की कहानी नहीं, बल्कि उस सोच की जीत है जो मानती है कि बेटियों को पढ़ाई से रोकना अब अतीत की बात होनी चाहिए। इस बहादुर लड़की ने दिखा दिया कि अगर इरादा मजबूत हो, तो बदलाव मुमकिन है।
समाप्ति विचार:
जहां एक तरफ बेटियों को बोझ समझने की मानसिकता अब भी कई घरों में ज़िंदा है, वहीं ऐसी कहानियां उम्मीद की किरण बनकर सामने आती हैं। बागपत की यह छात्रा उन तमाम लड़कियों के लिए प्रेरणा है जो अपनी पहचान खुद बनाना चाहती हैं।
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