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Up Kiran Digital Desk: आईपीएल 2025 की प्लेऑफ रेस अब तेज़ हो गई है और हर मैच सिर्फ अंक नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और रणनीतिक साहस का इम्तिहान बन चुका है। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और कोलकाता नाइट राइडर्स की संकरी जीतों के बाद, अब बारी है दिल्ली कैपिटल्स की — जो टूर्नामेंट की एक और ‘हॉट एंड कोल्ड’ टीम सनराइजर्स हैदराबाद से भिड़ने जा रही है।

डीसी की गिरती रफ्तार, बढ़ता दबाव

दिल्ली कैपिटल्स ने इस सीजन की शुरुआत धमाकेदार की थी — पहले चार मैचों में चार जीत, लेकिन इसके बाद की कहानी उनके लिए उतनी ही कठिन हो गई। पिछले छह मुकाबलों में केवल दो जीत, और 12 अंकों पर अटकी टीम के लिए अब हर मुकाबला करो या मरो जैसा बन गया है।

18 अंक इस सीज़न में प्लेऑफ की गारंटी नहीं हैं। ऐसे में डीसी को न केवल जीतना है, बल्कि अपने नेट रन रेट को भी सुधारने की सोच के साथ मैदान पर उतरना होगा।

विशाखापत्तनम की राहत और दिल्ली का घरू संकट

दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम की पिचें अब धीमी और कम स्कोरिंग हो गई हैं — जो डीसी की फायरपावर से मेल नहीं खाती। यही वजह है कि विशाखापत्तनम में खेले गए दो मैचों की जीत उनके लिए राहत का संकेत हैं।

दिल्ली का अब तक का घरेलू रिकॉर्ड 3-3 है, लेकिन विशाखापत्तनम में उनका आंकड़ा 3-1 है — जो बताता है कि उन्हें घर से बाहर खेलना ज़्यादा रास आता है।

सनराइजर्स: आज़ाद और खतरनाक

सनराइजर्स हैदराबाद के पास अब खोने के लिए बहुत कम है। वे अधिकतम 14 अंक तक पहुंच सकते हैं, और ऐसे में उनका प्लेऑफ का गणित लगभग नामुमकिन है। लेकिन यही उन्हें सबसे खतरनाक टीमों में से एक बनाता है। बिना दबाव के खेल रही टीम, तेज़ पिचों पर अपने बड़े हिटर्स और बेखौफ एप्रोच के साथ किसी भी विपक्षी को मात दे सकती है।

डीसी की उम्मीदें: कुलदीप और कोर का भरोसा

डीसी को एक और फायदा है — कुलदीप यादव की शानदार फॉर्म। धीमी पिचों पर स्पिन का असर भले ही सीमित हो, लेकिन कुलदीप की विविधता और विकेट लेने की क्षमता SRH के खिलाफ निर्णायक बन सकती है।

श्रीलंका के नुवान तुषारा और मुकेश कुमार की नई गेंद से साझेदारी, साथ ही मिचेल मार्श और अक्षर पटेल जैसे ऑलराउंडरों से डीसी को संतुलन मिला है — लेकिन यह सब सिर्फ कागज पर नहीं चलेगा, उन्हें मैदान पर नतीजों में बदलना होगा।

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