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Up Kiran, Digital Desk: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को सिर्फ एक पौधा नहीं, बल्कि मां लक्ष्मी का स्वरूप मानकर पूजा जाता है। कहते हैं जिस घर के आंगन में तुलसी हरी-भरी रहती है, वहां हमेशा सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। हम सब तुलसी में जल चढ़ाते हैं, उसकी पूजा करते हैं, लेकिन अक्सर एक बहुत ज़रूरी काम करना भूल जाते हैं - और वह है समय पर उसकी 'मंजरी' (तुलसी के बीज) को हटाना।

शास्त्रों के अनुसार, तुलसी पर जब मंजरियां आ जाती हैं, तो यह इस बात का संकेत होता है कि तुलसी मां कष्ट में हैं। इन मंजरियों को पौधे पर बोझ माना जाता है। अगर इन्हें समय पर न हटाया जाए, तो पौधा अपनी सारी ऊर्जा इन बीजों को पोषित करने में लगा देता है और धीरे-धीरे सूखने लगता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन मंजरियों को तोड़ने का भी एक सही समय, दिन और नियम होता है? गलत दिन पर इन्हें तोड़ने से आपको पुण्य की जगह पाप लग सकता है।

क्यों ज़रूरी है मंजरी को हटाना?

धार्मिक मान्यता के अनुसार, तुलसी पर आई मंजरी को उन पर बोझ माना जाता है। कहते हैं कि इससे तुलसी मां को पीड़ा होती है। वहीं, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो भी यह सही है। जब किसी पौधे पर बीज (मंजरी) आने लगते हैं, तो वह अपनी सारी ऊर्जा पत्तियों और शाखाओं की जगह उन बीजों को विकसित करने में लगा देता है, जिससे पौधे का विकास रुक जाता है और वह सूखने लगता है। इसलिए, पौधे को हरा-भरा और स्वस्थ रखने के लिए मंजरियों को हटाना बहुत ज़रूरी है।

किस दिन तोड़नी चाहिए तुलसी की मंजरी?

शास्त्रों में तुलसी की पत्तियां या मंजरी तोड़ने के लिए कुछ दिन बेहद शुभ माने गए हैं। इन दिनों में मंजरी तोड़ने से घर में सुख-समृद्धि आती है।

कब भूलकर भी नहीं तोड़नी चाहिए मंजरी?

जैसे कुछ दिन शुभ हैं, वैसे ही कुछ तिथियां और समय ऐसे भी हैं जब तुलसी को छूना भी वर्जित माना गया है। इन दिनों में मंजरी तोड़ने से मां लक्ष्मी नाराज़ हो सकती हैं।

तोड़ी हुई मंजरी का क्या करें?

तुलसी की मंजरी बहुत पवित्र होती है। इन्हें तोड़ने के बाद कूड़े में फेंकने की गलती न करें। आप इसका इस तरह उपयोग कर सकते हैं: