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Up Kiran, Digital Desk: राजस्थान सरकार की आरजीएचएस (राजस्थान सरकारी स्वास्थ्य सेवा) योजना ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों और पेंशनर्स को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की थीं। हालांकि, इस योजना के तहत हुए घोटालों ने सरकार की छवि को धक्का पहुँचाया है। अब राज्य सरकार ने इस योजना से जुड़ीं कई मेडिकल संस्थाओं और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की योजना बनाई है।

124 डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी

राज्य में स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए इस घोटाले में अब तक 100 से अधिक कर्मचारियों और डॉक्टरों का नाम सामने आ चुका है। इस घोटाले में सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया था। स्वास्थ्य विभाग की प्रिंसिपल सेक्रेटरी गायत्री राठौड़ के नेतृत्व में मामले की जांच चल रही है, और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इसे गंभीरता से लेकर तुरंत कार्रवाई की चेतावनी दी है। इस घोटाले में 124 डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के खिलाफ जल्द ही कठोर कदम उठाए जा सकते हैं। इनमें से कई बड़े डॉक्टरों पर भी गाज गिरने की संभावना है।

जांच में सामने आए गंभीर तथ्य

मामले की जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि कई अस्पतालों और मेडिकल स्टोर संचालकों ने सरकारी पोर्टल पर फर्जी बिल अपलोड किए थे। इन फर्जी बिलों के जरिए सरकारी खजाने से बड़े पैमाने पर धन की निकासी की गई। कुछ अस्पतालों ने एक ही बीमारी का इलाज बार-बार बिल में दिखाकर भुगतान प्राप्त किया। इसके अलावा कई मेडिकल स्टोर संचालकों ने बिना जरूरत के महंगी दवाइयों का बिल बनाकर सरकार से भुगतान हासिल किया।

क्या था घोटाले का असली कारण?

यह घोटाला उस समय सामने आया जब कई अस्पतालों और मेडिकल स्टोरों ने आरजीएचएस योजना का गलत फायदा उठाने के लिए साजिश रची थी। यह योजना सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं देने के उद्देश्य से बनाई गई थी। लेकिन कुछ गलत तत्त्वों ने इस योजना को अपनी जेब भरने का जरिया बना लिया। अस्पतालों और मेडिकल स्टोर संचालकों ने मिलकर फर्जी बिल तैयार किए और सरकार से धन की मांग की।

34 अस्पतालों और 431 मेडिकल स्टोरों को बाहर किया गया

घोटाले की जांच के बाद राज्य सरकार ने 34 अस्पतालों और 431 मेडिकल स्टोर संचालकों को आरजीएचएस योजना से बाहर कर दिया है। इन संस्थाओं ने फर्जी तरीके से भुगतान लिया था। इसके अलावा, सरकार ने इनसे करीब 40 करोड़ रुपये की पेनल्टी भी वसूल की है।

सरकार की सख्त नीति

राजस्थान सरकार इस भ्रष्टाचार को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं कि भविष्य में कोई भी इस तरह के घोटाले को अंजाम न दे सके। सरकार का लक्ष्य है कि इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि राज्य की स्वास्थ्य योजनाओं में विश्वास बना रहे।