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Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली सरकार ने शनिवार से बीएस-IV मानकों को पूरा न करने वाले सभी व्यावसायिक मालवाहक वाहनों का राजधानी में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है। इस कड़ी कार्रवाई को प्रभावी बनाने के लिए परिवहन विभाग और यातायात पुलिस ने 23 प्रवर्तन दल बनाए हैं।

23 प्रमुख बॉर्डर जहां होगी कड़ी निगरानी

प्रवर्तन दलों की जिम्मेदारी कुंडली बॉर्डर, रजोकरी बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, आया नगर बॉर्डर, कालिंदी कुंज बॉर्डर, औचंदी, मंडोली, कापसहेड़ा, द्वारका एक्सप्रेसवे के बजघेरा टोल सहित कुल 23 स्थानों पर बीएस-IV वाहनों की जांच और रोकथाम करना है।

दो पालियों में चलेगा संचालन

प्रवर्तन अभियान दिन के दो शिफ्टों में चलेगा। पहली शिफ्ट सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक और दूसरी शिफ्ट रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक होगी। हर दल की निगरानी एक निरीक्षक स्तर के अधिकारी द्वारा की जाएगी।

संक्रमणकालीन अवधि और छूट

बीएस-IV वाहनों को दिल्ली में 31 अक्टूबर 2026 तक संक्रमणकालीन अवधि के तहत प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। वहीं दिल्ली में पंजीकृत बीएस-VI डीजल, बीएस-IV डीजल, सीएनजी, एलएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा।

प्रदूषण को नियंत्रित करने की बड़ी पहल

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने 1 नवंबर से प्रदूषण बढ़ाने वाले पुराने वाणिज्यिक वाहनों पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। गुरुग्राम से दिल्ली में आने वाले वाहनों पर विशेष नजर रखी जाएगी, इस दिशा में हरियाणा पुलिस ने भी सहयोग बढ़ाया है।

ट्रांसपोर्टरों की प्रतिक्रिया

ट्रांसपोर्टर राजेंद्र कपूर ने प्रतिबंधों से आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि की आशंका जताई है। उनका कहना है कि केवल वाहनों पर प्रतिबंध देना पर्याप्त नहीं, प्रदूषण नियंत्रण के लिए अन्य उपाय भी जरूरी हैं।