
Up Kiran, Digital Desk: वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, फ्रांस ने आधिकारिक तौर पर फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता दे दी है। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब गाजा में भीषण मानवीय संकट और इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष अपने सबसे गंभीर दौर से गुजर रहा है। फ्रांस का यह निर्णय वैश्विक राजनीति में हलचल पैदा कर सकता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की लहर को और तेज कर सकता है।
फ्रांसीसी सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कदम शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और दो-राज्य समाधान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का हिस्सा है। उनका मानना है कि फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देना इजरायल के साथ स्थायी शांति स्थापित करने का 'एकमात्र स्थायी समाधान' है। यह फैसला उन यूरोपीय देशों की बढ़ती सूची में फ्रांस को शामिल करता है जिन्होंने फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दी है, जिनमें स्पेन, आयरलैंड और नॉर्वे जैसे देश हाल ही में शामिल हुए हैं।
निर्णय के पीछे के कारण और निहितार्थ:
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं: जहां फिलिस्तीन और उसके समर्थक देशों ने इस कदम का स्वागत किया है और इसे फिलिस्तीनी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार की जीत बताया है, वहीं इजरायल ने इसकी कड़ी आलोचना की है। इजरायल का तर्क है कि ऐसे कदम शांति प्रक्रिया को बाधित करते हैं और केवल फिलिस्तीनियों को बातचीत की मेज पर आने से रोकते हैं।
फ्रांस का यह निर्णय मध्य पूर्व में शांति प्रक्रिया में एक नया अध्याय जोड़ता है। यह दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय फिलिस्तीन मुद्दे पर अधिक सक्रिय और निर्णायक भूमिका निभाने को तैयार है, और यह उम्मीद जगाता है कि दशकों पुराने इस संघर्ष का कोई स्थायी राजनीतिक समाधान निकल पाएगा।
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