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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय घरों में दाल रोज़मर्रा के आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह प्रोटीन और फाइबर का एक बेहतरीन स्रोत है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दाल पकाने का एक सही तरीका होता है, जिससे उसके पोषण संबंधी लाभों को अधिकतम किया जा सके? एक प्रसिद्ध न्यूट्रिशनिस्ट ने दाल को पकाने के ऐसे तरीके साझा किए हैं, जो न केवल उसके स्वाद को बढ़ाएंगे, बल्कि उसके पोषक तत्वों को भी बरकरार रखेंगे।

क्यों है दाल को धोना इतना ज़रूरी?
न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, दाल को पकाने से पहले 3 से 4 बार अच्छी तरह धोना बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसा करने के कई कारण हैं:

अशुद्धियाँ हटाना: दालों में अक्सर धूल, मिट्टी, छोटे पत्थर या अन्य अशुद्धियाँ हो सकती हैं, जो धोने से हट जाती हैं।

फाइटिक एसिड कम करना: दालों में फाइटिक एसिड (Phytic Acid) नामक एक एंटी-न्यूट्रिएंट होता है, जो शरीर में खनिजों जैसे आयरन और जिंक के अवशोषण को बाधित कर सकता है। दाल को अच्छी तरह धोने और भिगोने से फाइटिक एसिड की मात्रा कम हो जाती है, जिससे पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है।

पाचन में सुधार: फाइटिक एसिड के कम होने से दालें आसानी से पचती हैं और पेट फूलने या गैस जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।

सही तरीका क्या है?

धुलाई: दाल को एक बड़े कटोरे में लें और ठंडे पानी से 3-4 बार धोएं, जब तक कि पानी साफ न दिखने लगे।

भिगोना (सोकिंग): धोने के बाद, दाल को कम से कम 30 मिनट से 1 घंटे के लिए पानी में भिगो दें। कुछ दालों (जैसे राजमा, छोले) को रात भर भिगोना चाहिए। भिगोने से दालें जल्दी पकती हैं और उनकी गैस पैदा करने वाली क्षमता कम होती है।

पानी बदलना: भिगोने के बाद, उस पानी को फेंक दें जिसमें दाल भिगोई गई थी, क्योंकि उसमें फाइटिक एसिड और अन्य अशुद्धियाँ घुल जाती हैं।

ताजे पानी में पकाना: दाल को हमेशा ताजे पानी में ही पकाएं।

सही तरीके से पकाना: दाल को धीमी आंच पर तब तक पकाएं जब तक वह पूरी तरह नरम न हो जाए। यह सुनिश्चित करता है कि सभी पोषक तत्व उपलब्ध हों और पचने में आसान हों।

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