Up kiran,Digital Desk : बिहार के छपरा से एक ऐसी ख़बर आई है, जिसे पढ़कर दिल बैठ जाता है। यह कहानी है दो 15 साल के बच्चों की, जिनके लिए शायद उनका प्यार दुनिया से बड़ा हो गया था। कच्ची उम्र का यह प्यार एक ऐसे मोड़ पर जाकर ख़त्म हुआ, जहाँ सिर्फ़ मातम और अफ़सोस बचा है।
यह सारण के सहाजितपुर थाना क्षेत्र के मोती छपरा गाँव की है। कहानी कुछ यूँ है कि लड़का और लड़की, दोनों की उम्र बस 15 साल थी और दोनों एक-दूसरे को पसंद करते थे। घर भी आस-पास ही थे। बुधवार की शाम को, जब लड़की के घर पर कोई नहीं था, लड़का उससे मिलने उसके घर पहुँच गया।
जब लड़की के घरवाले वापस लौटे, तो दरवाज़ा अंदर से बंद था। जब दरवाज़ा खोला गया, तो अंदर जो मंज़र था, उसने सबके पैरों तले ज़मीन खिसका दी।
कमरे में, पंखे से लटककर, दोनों ने अपनी ज़िंदगी ख़त्म कर ली थी।
सोचिए उस बूढ़े दादा पर क्या बीती होगी, जो दिन भर खेत में काम करके थके-हारे घर लौटे थे और अपनी पोती को आवाज़ लगा रहे थे। जब कोई जवाब नहीं आया और दरवाज़ा खोला, तो सामने मौत झूल रही थी। उनकी चीखें सुनकर पड़ोसी इकट्ठा हुए, तब जाकर दोनों की पहचान हो सकी।
शुरुआत में तो गाँव के लोगों ने शायद बदनामी और पुलिस के सवालों से बचने के लिए इस मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन बाद में पुलिस को सूचना दे दी गई। पुलिस ने आकर दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जाँच कर रही है।
इस कच्ची उम्र में इतना बड़ा क़दम उठाने के पीछे की वजह क्या रही होगी? क्या उन्हें डर था कि परिवार वाले नहीं मानेंगे, या कोई और बात थी? शायद दुनिया की समझदारी उनके मासूम प्यार पर भारी पड़ गई। कारण चाहे जो भी हो, इस घटना ने पीछे सिर्फ़ दो टूटे हुए परिवार और कई अनसुलझे सवाल छोड़ दिए हैं। पूरा गाँव हैरान है कि आख़िर दो हँसते-खेलते बच्चों نے यह रास्ता क्यों चुना।
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