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Up Kiran, Digital Desk: बस्तर की लाल धरती पर आज फिर एक उम्मीद जागी है। जिन हाथों में कभी बंदूकें थीं, उन्होंने आज हिंसा नहीं, शांति की ओर हाथ बढ़ाया है। नक्सलवाद की अंधेरी सुरंग से निकलकर अब उजाले की ओर कदम बढ़ते दिख रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में चलाए जा रहे सघन एंटी नक्सल ऑपरेशन का असर अब साफ दिखने लगा है। ताजा घटनाक्रम में अबूझमाड़ क्षेत्र के 22 सक्रिय नक्सलियों ने नारायणपुर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। इन सभी पर कुल मिलाकर ₹37 लाख का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण करने वालों में 14 पुरुष और 8 महिलाएं शामिल हैं, जिनमें एक वरिष्ठ माओवादी कमांडर कुतुल DVCM सुखलाल भी शामिल है।
इस आत्मसमर्पण को नारायणपुर पुलिस अधीक्षक रॉबिंसन गुड़िया की अगुवाई में संपन्न कराया गया, जिसमें सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब दो दिन पूर्व ही दंतेवाड़ा में 12 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, जिनमें एक माओवादी दंपती और 9 इनामी नक्सली शामिल थे।
मॉनसून में भी नहीं रुका ऑपरेशन, बढ़ी नक्सलियों की बेचैनी
गौरतलब है कि 22 जून को रायपुर आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया था कि "इस बार नक्सली बरसात में भी चैन से नहीं सो पाएंगे।" यही नहीं, केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ से मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने की समयसीमा तय की है।
गृहमंत्री के इस संदेश के बाद से पहली बार मॉनसून सीजन में भी फोर्स का ऐक्शन जारी है, जो माओवादियों के लिए असामान्य और असहज स्थिति बनाता जा रहा है। घने जंगलों में सुरक्षाबलों की लगातार मौजूदगी, मुठभेड़ों का बढ़ता खतरा और गांव-गांव में फैली जागरूकता ने नक्सली संगठन को अब बैकफुट पर धकेल दिया है।
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