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Up Kiran, Digital Desk: उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर विकराल रूप ले लिया है और राज्य के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस खतरे को देखते हुए राज्य के कई पर्वतीय और मैदानी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। देहरादून, मसूरी, नैनीताल, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जैसे प्रमुख जिलों में मूसलधार बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।

मसूरी में भारी बारिश के कारण कई पेड़ गिर गए, जिससे प्रमुख सड़कें अवरुद्ध हो गईं। वहीं चमोली जिले में रुद्रनाथ धाम की यात्रा को सुरक्षा कारणों से स्थगित कर दिया गया है। यह स्थिति दर्शाती है कि मौसम ने यहां कितना विकराल रूप ले लिया है, जिससे पर्यटन और दैनिक जीवन दोनों ही प्रभावित हुए हैं।

वर्षा का कहर: दर्दनाक हादसा और बाढ़ का खतरा

देहरादून में तेज बारिश के बीच एक दुखद घटना घटित हुई, जब दो बच्चे नाले में बह गए। इनमें से एक बच्चा करीब तीन किलोमीटर दूर नाले में पाया गया, जबकि दूसरे बच्चे को बचा लिया गया। भारी बारिश के चलते केदारनाथ हाईवे और अन्य महत्वपूर्ण मार्ग बंद हो गए हैं, जिससे यात्रा में और भी रुकावटें आ रही हैं।

इसके अलावा, अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। नदी का पानी खतरे के निशान को पार कर चुका है, और अगर स्थिति बिगड़ी तो बड़े पैमाने पर जलभराव हो सकता है।

प्रशासन की तैयारियाँ और सुरक्षा उपाय

प्रशासन ने अगले 24-48 घंटों को अत्यंत संवेदनशील बताते हुए स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने की बात कही है। फूलों की घाटी को 15 अगस्त तक पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है, ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके। हेमकुंड साहिब यात्रा को भी घांघरिया से आगे रोक दिया गया है। चमोली प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने नदियों के किनारे और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से दूरी बनाए रखने की अपील की है।

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