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Up Kiran, Digital Desk: बेंगलुरु वालों के लिए 'ट्रैफिक' सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि एक रोज़ाना का सिरदर्द है। और जब बात सिल्क बोर्ड जंक्शन से हेब्बाल तक के रास्ते की हो, तो यह सिरदर्द और भी बढ़ जाता है। इस रूट पर घंटों जाम में फंसे रहना लोगों की आदत बन चुकी है। लेकिन अब शायद इस 'महाजाम' से जल्द ही कुछ राहत मिलने की उम्मीद जगी है।

लोगों की इसी परेशानी को देखते हुए बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) के मैनेजिंग डायरेक्टर, एम. महेश्वर राव, खुद अपनी टीम के साथ इस पूरे कॉरिडोर का जायजा लेने सड़क पर उतरे। उनके साथ ट्रैफिक पुलिस और BBMP (बेंगलुरु महानगर पालिका) के अधिकारी भी मौजूद थे।

क्यों किया गया यह ज्वाइंट इंस्पेक्शन?

यह ज्वाइंट इंस्पेक्शन सिर्फ एक रूटीन दौरा नहीं था, बल्कि इसका एक बड़ा मकसद था। इस 28 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर मेट्रो का काम तेजी से चल रहा है। इस कंस्ट्रक्शन की वजह से सड़कें और भी संकरी हो गई हैं और ट्रैफिक जाम की समस्या कई गुना बढ़ गई है।

इस दौरे का मुख्य उद्देश्य था:

मेट्रो के काम की वजह से ट्रैफिक पर पड़ रहे असर को समझना।

उन जगहों की पहचान करना जहां ट्रैफिक सबसे ज्यादा फंसता है (bottlenecks)।

ट्रैफिक पुलिस और BBMP के साथ मिलकर तुरंत और लंबे समय के लिए समाधान निकालना।

अधिकारियों ने उन जगहों को खास तौर पर देखा जहां मेट्रो पिलर और स्टेशन बनाने के लिए बैरिकेड लगाए गए हैं। उन्होंने इस बात पर चर्चा की कि क्या इन बैरिकेड्स को थोड़ा शिफ्ट करके ट्रैफिक के लिए ज्यादा जगह बनाई जा सकती  और सर्विस रोड को बेहतर किया जा सकता है।

BMRCL के एमडी ने अपनी टीम को निर्देश दियाकि वे ट्रैफिक पुलिस मिलकर काम करें और यह सुनिश्चित करें कि मेट्रो कंस्ट्रक्श वजह आम जनता को कम से कम परेशानी हो।

बेंगलुरु वालों को उम्मीद है कि इस हाई-लेवल इंस्पेक्शन के बाद सिर्फ बातें नहीं होंगी, बल्कि जमीन पर कुछ असर भी दिखेगा और उन्हें रोज-रोज के इस जाम से थोड़ी राहत मिलेगी।