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Up Kiran, Digital Desk: हम सभी जानते हैं कि तनाव हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है, खासकर जब यह लंबे समय तक बना रहे। लेकिन एक नए अध्ययन से पता चला है कि तनाव का असर उन लोगों पर और भी गहरा होता है जो पहले से ही किसी मानसिक स्वास्थ्य समस्या, जैसे चिंता या डिप्रेशन, से जूझ रहे होते हैं।

यह रिसर्च बताती है कि जब ऐसे लोग तनाव में होते हैं, तो उनके लिए अपनी भावनाओं को संभालना या उन पर नियंत्रण रखना काफी मुश्किल हो जाता है। सोचिए, अगर आप पहले से ही उदास महसूस कर रहे हैं या आसानी से घबरा जाते हैं, और फिर ऊपर से कोई तनाव भरी स्थिति आ जाए, तो उस पल में अपनी भावनाओं को काबू में रखना कितना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा। यह अध्ययन इसी बात की पुष्टि करता है।

इसका सीधा मतलब यह है कि जो लोग मानसिक स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं, उनके लिए तनाव से निपटना बेहद ज़रूरी है। अगर वे तनाव को ठीक से मैनेज नहीं कर पाते, तो उनकी मानसिक स्थिति और बिगड़ सकती है। भावनाओं पर नियंत्रण खोने से उन्हें गुस्सा आ सकता है, वे चिड़चिड़े हो सकते हैं, या उनकी उदासी या घबराहट और बढ़ सकती है।

यह अध्ययन हमें यह समझने में मदद करता है कि मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल में तनाव प्रबंधन कितना महत्वपूर्ण है। यह सिर्फ "अच्छा महसूस करने" की बात नहीं है, बल्कि यह बीमारी के लक्षणों को कंट्रोल करने और ज़िंदगी को बेहतर ढंग से जीने के लिए ज़रूरी है।

यह रिसर्च इस बात पर ज़ोर देती है कि हमें मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों को तनाव से निपटने के तरीके सिखाने चाहिए और उन्हें ज़रूरी मदद देनी चाहिए। ताकि तनाव भरे पल आने पर भी वे अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से संभाल सकें और उनकी मानसिक सेहत पर इसका बुरा असर कम से कम पड़े। यह समाज और स्वास्थ्य पेशेवरों दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है

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