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धर्म डेस्क। आजकल पति-पत्नी के रिश्तों में खटाश आना आम बात हो गयी है। कहीं खिन तो मामला तलाक तक पहुँच जाता है। रिश्तों में खटास आने के कई कारण हो सकते हैं। रिश्तों को नवग्रह भी प्रभावित करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में केतु तीसरे भाव में स्थित है तो उस व्यक्ति के अपने छोटे भाई बहनों से रिश्ते कटे हुए रहने की संभावनाएं बनती है। जन्मकुंडली में ग्रहों की नकारात्मक स्थिति की वजह से पति-पत्नी के बीच कटुता आती है। ज्योतिष शास्त्र में रिश्तों को मधुर बनाने के लिए कई उपाय दिए गए हैं।

वर्तमान समय में आपसी रिश्तों के खराब होने का प्रमुख कम्युनिकेशन गैप होना, गलतफहमी और विवादित बातों का जवाब देना आदि है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुधवार के दिन मौनव्रत रखने से रिश्तों में सुधारन आता है और आपसी संबंध मधुर बन जाते हैं। यदि आप पूरा दिन मौन नहीं रह सकते तो कुछ समय के लिए ही मौन रहे। इस दौरान आप परमात्मा का ध्यान करें।

इसी तरह गृहस्थ जीवन को मधुर बनाने के लिए पति-पत्नी को सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करें और चंद्र ग्रह का दो मुखी रुद्राक्ष धारण करें। इसके साथ ही 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें। शिव के आशीर्वाद से आपके जीवन में मधुरता आएगी और आपका वैवाहिक जीवन सुखमय होगा।

कपूर के उपाय से भी पति-पत्नी के संबंधों में मधुरता आती है। यदि आप पत्नी से होने वाली तकरार से परेशान हैं तो अपने जीवन साथी को बताए बिना, उसके तकिए के नीचे कपूर रखें और अगले दिन सुबह-सुबह उस कपूर को निकाल कर जला दें। इस सरल उपाय से जल्द ही रिश्तों में मिठास आएगी। इसी तरह पति-पत्नी दोनों का क्रोध कम करने के लिए सुबह पूजा करने के बाद माथे पर चन्दन और हल्दी का तिलक लगाएं। इससे पति-पत्नी दोनों का गुस्सा नियंत्रित रहता है और प्रेम की भावना प्रबल हो जाती है।

लोक परंपरा के अनुसार वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए पति-पत्नी एक साथ प्रातः पूजा 'ॐ श्रीं ह्रीं पूर्ण गृहस्थ सुख सिद्धये ह्रीं श्रीं ॐ नमः' मंत्र का जाप करें इससे गृहस्थ जीवन में सुख शांति के साथ ही पति-पत्नी में प्रेम प्रगाढ़ होता है। इसी तरह भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को पीले व लाल रंग के फूल अर्पित करने और केसर की खीर का भोग लगाने से भी संबंधों में मधुरता आती है।  

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