
भूराजनीतिक हलचलों और वैश्विक तनावों के बीच चीन ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उसने रूस की उस पहल का समर्थन किया है जिसमें भारत, रूस और चीन के बीच त्रिपक्षीय सहयोग यानी RIC (Russia-India-China) फॉर्मेट को फिर से सक्रिय करने की बात कही गई है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने हाल ही में कहा कि, “चीन त्रिपक्षीय सहयोग के इस मंच को बहाल करने का समर्थन करता है और मानता है कि इन तीनों देशों के बीच संवाद, क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक संतुलन के लिए बेहद ज़रूरी है।”
बता दें कि RIC फॉर्मेट की शुरुआत 2002 में हुई थी और इसका मकसद तीनों प्रमुख शक्तियों के बीच रणनीतिक संवाद और सहयोग को बढ़ावा देना था। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में भारत और चीन के रिश्तों में तनाव के चलते यह मंच निष्क्रिय हो गया था।
अब जब रूस यूक्रेन युद्ध के चलते पश्चिमी देशों से अलग-थलग पड़ता जा रहा है, और चीन अमेरिका के साथ प्रतिस्पर्धा में है, तो यह दोनों देश भारत को साथ लाकर एक "एशियाई संतुलन" स्थापित करना चाहते हैं।
विश्लेषकों के अनुसार, भारत की तटस्थ विदेश नीति, वैश्विक मंचों पर स्वतंत्र रुख और रणनीतिक संतुलन की क्षमता ही उसे इस त्रिपक्षीय समूह में अहम बनाती है। हालांकि भारत अभी तक इस पहल पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दे पाया है।
यदि RIC फॉर्मेट को दोबारा सक्रिय किया जाता है, तो यह वैश्विक शक्ति समीकरणों में एक नया मोड़ ला सकता है—जहां तीनों देश मिलकर बहुपक्षीय मुद्दों पर साझा रुख अपना सकते हैं।
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