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Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश में चीनी उद्योग और गन्ना किसानों के लिए उम्मीद की एक नई किरण जगी है। राज्य के उद्योग मंत्री, जिनके पास कृषि क्षेत्र को भी देखने का प्रभार है, ने हाल ही में नेल्लोर जिले में स्थित ऐतिहासिक कोवूर सहकारी चीनी मिल का दौरा किया। यह दौरा उस समय हुआ है जब यह मिल लंबे समय से वित्तीय संकट और संचालन संबंधी समस्याओं से जूझ रही है। मंत्री के इस दौरे को मिल के पुनरुद्धार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।

कोवूर चीनी मिल की कहानी: कोवूर चीनी मिल नेल्लोर क्षेत्र के हजारों गन्ना किसानों के लिए एक जीवनरेखा रही है। यह मिल न केवल उनके गन्ने की खरीद सुनिश्चित करती है, बल्कि हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी देती है। हालांकि, पिछले कुछ सालों से मिल खराब प्रबंधन, तकनीकी दिक्कतों और वित्तीय घाटे के कारण बंद होने की कगार पर पहुंच गई है, जिससे गन्ना किसान और श्रमिक दोनों चिंतित हैं।

मंत्री के दौरे का उद्देश्य: मंत्री ने मिल परिसर का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने मशीनरी की स्थिति, कर्मचारियों की संख्या, गन्ने की आपूर्ति श्रृंखला और मिल की वित्तीय स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने मिल के अधिकारियों, कर्मचारियों और स्थानीय गन्ना किसानों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की।

किसानों और श्रमिकों की उम्मीदें: गन्ना किसानों ने मंत्री से अपनी व्यथा बताई। उन्होंने बताया कि मिल के बंद होने या ठीक से न चलने से उनके गन्ने की बिक्री में दिक्कत आ रही है और उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने मिल को जल्द से जल्द पूरी क्षमता से चालू करने की अपील की। मिल के कर्मचारियों ने भी अपने रोजगार की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की और मंत्री से उनके भविष्य को सुरक्षित करने का आग्रह किया।

क्या होगा मिल का भविष्य? मंत्री ने सभी हितधारकों की चिंताओं को ध्यान से सुना और उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है। उन्होंने कहा कि सरकार मिल के पुनरुद्धार के लिए सभी संभव उपाय तलाश रही है, जिसमें आधुनिकीकरण, वित्तीय सहायता और बेहतर प्रबंधन शामिल हो सकता है। 

यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्द ही कोई ठोस योजना लेकर आएगी, जिससे कोवूर चीनी मिल को फिर से अपने पैरों पर खड़ा किया जा सके और यह क्षेत्र के किसानों और श्रमिकों के लिए एक बार फिर समृद्धि का स्रोत बन सके।

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