Up Kiran, Digital Desk: केरल ने एक बड़ा और प्रगतिशील कदम उठाते हुए सरकारी कामकाज से औपनिवेशिक काल की एक और विरासत को खत्म कर दिया है। राज्य की विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पास किया है, जिसके तहत अब राज्य के सरकारी दफ्तरों में 'सर' और 'मैडम' जैसे सम्मानसूचक शब्दों का इस्तेमाल बंद कर दिया जाएगा।
क्यों लिया गया यह फैसला: इस प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य सरकारी अधिकारियों और आम जनता के बीच की खाई को पाटना और समानता की भावना को बढ़ावा देना है। सरकार का मानना है कि 'सर' और 'मैडम' जैसे शब्द गुलामी की मानसिकता को दर्शाते हैं और एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में, जहां जनता ही मालिक है, ऐसे शब्दों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिशों के आधार पर लाए गए इस प्रस्ताव का लक्ष्य शासन को और अधिक नागरिक-अनुकूल (citizen-friendly) बनाना है।
तो अब क्या कहेंगे लोग?: प्रस्ताव के अनुसार, अब लोग अधिकारियों को 'सर' या 'मैडम' कहने के बजाय उनके पद (Designation) से संबोधित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, 'श्रीमान निदेशक' या 'अध्यक्ष महोदय'। इससे अधिकारियों और नागरिकों के बीच एक बराबरी का और सम्मानजनक रिश्ता कायम होगा।
यह फैसला केरल में पहले ही कुछ पंचायतों और नगर पालिकाओं द्वारा लागू किया जा चुका था, जिसे अब पूरे राज्य में लागू करने के लिए विधानसभा से मंजूरी मिल गई है। यह कदम सरकारी दफ्तरों के कामकाज में पारदर्शिता और समानता लाने की दिशा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।
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