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Badlapur Case: महाराष्ट्र के बदलापुर में दो मासूम छात्राओं के यौन शोषण के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में महज 24 घंटे में 70 से ज़्यादा लोगों को अरेस्ट किया गया है और 500 लोगों के खिलाफ पाँच एफ़आईआर दर्ज की गई हैं। प्रदर्शनकारियों को अरेस्ट करने में पुलिस की तत्परता, एफ़आईआर दर्ज करने में पुलिस की कार्रवाई की तुलना में बहुत कम है, जिसमें जाहिर तौर पर 12 घंटे लग गए।

विपक्ष ने पुलिस की असंवेदनशीलता को लेकर महायुति के नेतृत्व वाली सरकार पर तीखा हमला बोला है। विपक्षी महा विकास अघाड़ी, जिसमें कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) शामिल हैं, ने आरोप लगाया है कि लड़कियों के माता-पिता को शिकायत दर्ज कराने से पहले बदलापुर पुलिस स्टेशन में 12 घंटे तक इंतजार करना पड़ा।

बच्चियों की मेडिकल जांच में भी कथित तौर पर 10 घंटे की देरी हुई, जिससे प्रशासन द्वारा मामले को छुपाने की आशंका बढ़ गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार , आक्रोश को और बढ़ाने वाली बात ये है कि दो लड़कियों में से एक की मां को दो महीने की गर्भवती होने के बावजूद 10 घंटे से अधिक वक्त तक पुलिस स्टेशन में रहना पड़ा।

बता दें कि राज्य सरकार ने कथित तौर पर ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिस अफसरों को सस्पेंड कर दिया है और मामले की जांच एक विशेष जांच टीम को सौंप दी है।

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