Up Kiran, Digital Desk: आज के दौर में जब हर चीज डिजिटलाइज़ हो रही है, तब हमारी सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया यानी चुनाव को भी पूरी तरह से सही और समावेशी बनाना ज़रूरी है. इसी मकसद से भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India - ECI) एक बड़ा अभियान चला रहा है, और अब उन्होंने एक बहुत ही खास खुशखबरी दी है! आयोग ने बताया है कि मतदाता सूची संशोधन (Special Summary Revision - SIR) के दूसरे चरण में 95% से अधिक गणना फॉर्म (enumeration forms) वितरित किए जा चुके हैं. यह एक बड़ी उपलब्धि है, जो बताती है कि कोई भी पात्र मतदाता छूटेगा नहीं, और सभी को अपने मत का अधिकार मिलेगा!
क्यों ज़रूरी है मतदाता सूची संशोधन अभियान?
हमारे लोकतंत्र में सबसे शक्तिशाली चीज़ है 'वोट'. और वोट देने के लिए, आपका नाम सही मतदाता सूची में होना बेहद ज़रूरी है. मतदाता सूची संशोधन अभियान यही सुनिश्चित करता है कि:
- हर पात्र व्यक्ति का नाम जुड़े: जिन लोगों की उम्र 18 साल हो चुकी है, जो नए क्षेत्रों में शिफ्ट हुए हैं, या जिनका नाम छूट गया था, उन्हें अपना नाम जुड़वाने का मौका मिलता है.
- गलतियों को सुधारना: अगर किसी मतदाता के नाम, पते या अन्य जानकारी में गलती है, तो उसे ठीक किया जा सकता है.
- पुराने नाम हटाना: जो लोग अब इस दुनिया में नहीं हैं या दूसरे शहरों में शिफ्ट हो गए हैं, उनके नाम सूची से हटा दिए जाते हैं, ताकि चुनावों में गड़बड़ी की गुंजाइश कम हो.
ये अभियान चुनाव प्रक्रिया की शुद्धता और विश्वसनीयता (purity and reliability) बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
95% फॉर्म वितरण: चुनाव आयोग की बड़ी कामयाबी!
इस अभियान के दूसरे चरण में 95% से अधिक फॉर्म बांटना, चुनाव आयोग की एक बड़ी प्रशासनिक और लॉजिस्टिकल सफलता है. इसका मतलब है कि:
- जनता की जागरूकता बढ़ी: लोग अपने मतदान के अधिकार और चुनाव प्रक्रिया के प्रति और ज़्यादा जागरूक हो रहे हैं, इसीलिए इतने बड़ी संख्या में फॉर्म वितरित हुए और लोग उन्हें भर रहे हैं.
- आयोग का जमीनी स्तर पर काम: यह दिखाता है कि चुनाव आयोग के कर्मचारी और स्वयंसेवक जमीनी स्तर पर कितनी मेहनत कर रहे हैं, ताकि कोई भी योग्य मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न रह जाए.
- समावेशी लोकतंत्र की ओर कदम: इतने बड़े पैमाने पर फॉर्म वितरण एक समावेशी लोकतंत्र की ओर भारत के बढ़ते कदमों का संकेत है, जहां हर नागरिक को अपनी आवाज़ उठाने का मौका मिलेगा.
यह उपलब्धि भारतीय लोकतंत्र के लिए एक अच्छी खबर है, क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि हमारी मतदाता सूचियां अपडेटेड, सटीक और समावेशी रहेंगी. चुनाव आयोग की यह पहल आने वाले चुनावों के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर रही है और जनता का चुनाव प्रक्रिया में विश्वास बढ़ा रही है.
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