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Up Kiran, Digital Desk: पश्चिम बंगाल की जानी-मानी अभिनेत्री श्रीलेखा मित्रा ने बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उनका आरोप है कि जब से उन्होंने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ कुछ मुद्दों पर, खासकर आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के मामले में, अपनी आवाज उठाई है, तब से उन्हें सोशल मीडिया पर धमकाया जा रहा है और सामाजिक रूप से परेशान किया जा रहा है.

एक साल बाद भी इंसाफ नहीं, इसी बात पर उठाया था सवाल

दरअसल, यह पूरा मामला पिछले साल अगस्त में हुए आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टर के रेप-मर्डर केस से जुड़ा है. इस साल 9 अगस्त को, इस भयानक घटना की पहली बरसी पर, श्रीलेखा मित्रा ने एक विरोध रैली में हिस्सा लिया था. वहां उन्होंने राज्य सरकार से कुछ सीधे सवाल पूछे थे कि आखिर एक साल बीत जाने के बाद भी पीड़िता और उसके माता-पिता को इंसाफ क्यों नहीं मिला है.

"मुझे समाज से बाहर करने की कोशिश हो रही है"

अपनी याचिका में, श्रीलेखा ने दावा किया है कि उस रैली के बाद से ही उन्हें सोशल मीडिया पर लगातार धमकियां मिल रही हैं. उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है कि चारों तरफ से उन्हें सामाजिक रूप से पूरी तरह से बॉयकॉट करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कोलकाता के बेहाला में स्थित उनके घर के बाहर उनके खिलाफ नारे लिखे हुए कई बैनर और पोस्टर चिपकाए गए हैं.

उनके अनुसार, उन्होंने इस मामले में स्थानीय हरिदेवपुर पुलिस स्टेशन में एक ईमेल शिकायत भी दर्ज कराई थी, लेकिन अधिकारियों की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसी वजह से, अंत में उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी.

कलकत्ता हाईकोर्ट ने उन्हें याचिका दायर करने की अनुमति दे दी है. एक बार जब अदालत इसे स्वीकार कर लेगी, तो अगले हफ्ते इस मामले पर सुनवाई हो सकती है. गौरतलब है कि आर.जी. कर मामले में विरोध की आवाज उठाने वाले अन्य लोगों को भी इस तरह की सामाजिक और प्रशासनिक कार्रवाइयों का सामना करना पड़ा है.

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