
Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश मत्स्य सहकारी संघ (AP Cooperative Fisheries Society) के अध्यक्ष पद को लेकर इन दिनों सियासी गहमागहमी तेज हो गई है। निवर्तमान अध्यक्ष एस. जनार्दन राव के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के बाद, मत्स्य सहकारी समितियों के सदस्य अब इस पद के लिए तत्काल चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं, ताकि किसी बाहरी व्यक्ति को नियुक्त होने से रोका जा सके।
मछुआरों के प्रतिनिधियों का मानना है कि यदि चुनाव प्रक्रिया में देरी हुई, तो सरकार अपनी पसंद के किसी गैर-मछुआरे व्यक्ति को अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है, जिससे उनके हितों को नुकसान होगा। पश्चिम गोदावरी जिले की एपीएससीडब्ल्यूएफएस के अध्यक्ष टी. सत्यनारायण ने इस बात पर जोर दिया है कि अध्यक्ष का चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत ही होना चाहिए, न कि किसी की नियुक्ति की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सोसाइटी के संविधान में अध्यक्ष के चुनाव का प्रावधान है और अतीत में भी चुनाव के माध्यम से ही अध्यक्ष चुने गए हैं।
सत्यनारायण ने तर्क दिया कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि ही मछुआरे समुदाय की समस्याओं और मांगों को प्रभावी ढंग से सरकार तक पहुंचा सकता है। उन्होंने नारसापुरम के पूर्व अध्यक्ष एम.वी.वी. सत्यनारायण का उदाहरण भी दिया, जिन्होंने अपने कार्यकाल में मछुआरों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए थे और एक निर्वाचित नेता के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया था।
मत्स्य विभाग से मांग की जा रही है कि वह जल्द से जल्द अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी करे। मछुआरा समुदाय उम्मीद कर रहा है कि उनकी आवाज सुनी जाएगी और लोकतांत्रिक तरीके से ही उनका नेतृत्व चुना जाएगा, ताकि उनके अधिकारों और आजीविका की रक्षा हो सके। फिलहाल, इस पद को लेकर राजनीतिक दलों और मछुआरा संघों के बीच खींचतान जारी है।
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