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Up Kiran, Digital Desk: शिक्षा के मंदिर में ही जब महिला की इज़्ज़त और सम्मान सुरक्षित न हो, तो उसे आप क्या कहेंगे? ऐसा ही एक शर्मनाक मामला सामने आया है, जहां एक सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) के प्रिंसिपल और दो अन्य कर्मचारियों पर अपनी ही एक दलित महिला सहकर्मी को प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगा है.

यह पूरा मामला तब सामने आया जब पीड़िता के पति ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत एक्शन लिया और तीनों आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है.

क्या है पूरा मामला: पुलिस के मुताबिक, पीड़िता संस्थान में वर्क मैनेजर के पद पर काम करती हैं. आरोप है कि 14 अक्टूबर को संस्थान के दो इंस्ट्रक्टर, रवींद्र सिंह और धनंजय सिंह ने पीड़िता के साथ न chỉ जातिसूचक गालियां दीं, बल्कि उन पर नौकरी छोड़कर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (voluntary retirement) लेने का भी दबाव बनाया.

प्रिंसिपल पर भी गंभीर आरोप: हद तो तब हो गई जब महिला ने इस पूरी घटना की शिकायत संस्थान के प्रिंसिपल अमित कुमार द्विवेदी से की. मदद करने की बजाय, प्रिंसिपल ने भी कथित तौर पर पीड़िता के साथ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और उसे अपमानित किया. जिसके बाद परेशान होकर महिला ने अपने पति को पूरी बात बताई और फिर मामला पुलिस तक पहुंचा.

कोतवाली के एसएचओ क्षितिज त्रिपाठी ने बताया कि शिकायत के आधार पर प्रिंसिपल अमित कुमार द्विवेदी, रेडियो इंस्ट्रक्टर रवींद्र सिंह, और इलेक्ट्रिकल इंस्ट्रक्टर धनंजय सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है. यह घटना दिखाती है कि आज भी हमारे समाज में जातिगत भेदभाव और दफ्तरों में महिलाओं के साथ होने वाला उत्पीड़न कितनी गहरी जड़ें जमा चुका है.