Up Kiran, Digital Desk: भारत की रक्षा ताकत को एक नई बुलंदी मिली है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बने नए ब्रह्मोस मैन्युफैक्चरिंग सेंटर से मिसाइलों की पहली खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस ऐतिहासिक मौके पर उन्होंने जो कहा, वह सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि देश के दुश्मनों, खासकर पाकिस्तान, के लिए एक सीधी और सपाट चेतावनी थी.
राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में दो टूक कहा, "आज ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज बढ़ा दी गई है और मैं देश को बताना चाहता हूं कि अब पाकिस्तान का इंच-इंच हमारी मिसाइलों की पहुंच में है. अगर उसने भारत की तरफ आंख उठाने की गलती की, तो उसे अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा."
उन्होंने साफ किया कि भारत किसी को छेड़ता नहीं है, लेकिन अगर कोई छेड़ेगा, तो उसे छोड़ता भी नहीं है.
लखनऊ में बना ‘ब्रह्मास्त्र:यह पहली बार है कि दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का निर्माण दिल्ली-एनसीआर के बाहर किसी शहर में हो रहा है. लखनऊ में बनी यह यूनिट भारत की 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' की नीति का एक बेहतरीन उदाहरण है.
राजनाथ सिंह ने कहा, "पहले हम रक्षा उपकरण दूसरे देशों से मंगवाते थे, आज लखनऊ की धरती पर बना ब्रह्मोस पूरी दुनिया में भारत की ताकत का डंका बजाएगा." उन्होंने बताया कि इस यूनिट में न सिर्फ भारत की सेना के लिए, बल्कि दुनिया के दूसरे देशों को निर्यात (export) करने के लिए भी मिसाइलें बनाई जाएंगी.
क्यों है ब्रह्मोस दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइल?
सुपरसोनिक स्पीड: यह ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना (2.8 मैक) तेज उड़ान भरती है, जिससे दुश्मन के रडार को इसे पकड़ने का मौका ही नहीं मिलता.
दागो और भूल जाओ: एक बार टारगेट लॉक करने के बाद यह अपने लक्ष्य को खुद ढूंढकर तबाह कर देती है.
कहीं से भी लॉन्च: इसे जमीन, हवा, पानी और पनडुब्बी, कहीं से भी लॉन्च किया जा सकता है.
बढ़ गई है रेंज: पहले इसकी रेंज 290 किलोमीटर थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 400 से 700 किलोमीटर तक कर दिया गया है, जिससे पाकिस्तान का लगभग हर शहर अब इसकी जद में आ गया है.
रक्षा मंत्री का यह कड़ा बयान और लखनऊ में मिसाइलों का उत्पादन शुरू होना, यह दोनों घटनाएं भारत की उस नई रक्षा नीति का प्रतीक हैं, जहां भारत अब सिर्फ रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक तैयारी में भी यकीन रखता है.

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