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Up Kiran, Digital Desk: पंजाबी संगीत और फिल्म इंडस्ट्री को आज एक बेहद दुखद खबर मिली है। राजवीर जवंदा, जो पंजाबी संगीत और सिनेमा के चमकते हुए सितारों में से एक थे, उनका 12 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष के बाद मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। 27 सितंबर को हिमाचल प्रदेश के बद्दी के पास हुए एक सड़क हादसे में गंभीर चोट लगने के कारण उनका निधन हुआ।

सड़क हादसे ने छीना सपनों को एक झटके में

राजवीर की मोटरसाइकिल अचानक सड़क पर खड़े आवारा जानवरों से टकरा गई थी। इस घटना में उनके सिर और रीढ़ की हड्डी को गहरी चोटें आईं, जिसके बाद उनकी हालत नाजुक हो गई। अस्पताल में भर्ती होते ही उन्हें लाइफ सपोर्ट पर रखा गया था, लेकिन डॉक्टरों के अनुसार मस्तिष्क की क्रियाशीलता लगभग बंद हो चुकी थी। इलाज के बावजूद कोई सुधार नहीं हो पाया।

राजवीर जवंदा का संगीत और फिल्मों में योगदान

मोहाली के सेक्टर 71 निवासी राजवीर ने पंजाबी गीतों में अपनी अनोखी पहचान बनाई थी। उनके गाने जैसे “सरनेम,” “कमला,” “मेरा दिल” और “सरदारी” आज भी पंजाबी संगीत प्रेमियों के दिलों में बसे हुए हैं। पंजाबी फिल्मों में भी उनकी एक्टिंग की खूब सराहना हुई, खासकर “जिंद जान,” “मिंदो तसीलदारनी,” और “काका जी” जैसी फिल्मों में।

सपने थे पुलिस अधिकारी बनने के, पर बना गए पंजाबी संगीत का सितारा

2014 में अपने पहले सिंगल “मुंडा लाइक मी” के साथ राजवीर ने संगीत की दुनिया में कदम रखा था। उनकी आवाज में जो मिठास थी और उनके गाने जो पंजाबी संस्कृति की महत्ता पर केंद्रित थे, उन्होंने उन्हें जल्दी ही लोकप्रियता दिलाई। खास बात यह है कि राजवीर का असली सपना पुलिस अधिकारी बनने का था, लेकिन उनकी कला की लगन ने उन्हें संगीत की ओर मोड़ दिया।