Up Kiran, Digital Desk: 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने जबरदस्त बढ़त हासिल की है। शुरुआती रुझानों के मुताबिक, यह गठबंधन 243 में से लगभग 203 सीटों पर आगे चल रहा है। यह आंकड़ा एनडीए की ताकत और जनता की पसंद का साफ-साफ संकेत है।
मुख्य भूमिका भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (यूनाइटेड) [जद(यू)] ने निभाई। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी तो जद(यू) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता और उनका नेतृत्व दोबारा स्थापित किया।
अन्य सहयोगी-पार्टियों जैसे लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) ने विभिन्न समुदायों में वोट एकजुट करने में अहम भूमिका ली।
कड़ी रणनीति: सीट-बंटवारा और गठबंधन का तालमेल
एनडीए की जीत का एक बड़ा कारण उनकी रणनीति रही। भाजपा और जद(यू) ने लगभग 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ा। वहीं, लोजपा (रामविलास) को 29 सीटें दी गईं और हम (सेक्युलर) को छह सीटें मिली।
यह रणनीतिक बंटवारा इस बात को सुनिश्चित करता है कि हर पार्टी ज़मीनी स्तर पर मजबूत क्षेत्र में वर्चस्व बनाए रखे। इस तरह वोट का बिखराव कम हुआ और हर गठबंधन सदस्य को अधिक चुनावी फायदा मिला।
‘जंगल राज’ की चर्चा फिर से सतह पर
एनडीए ने अपने चुनाव अभियान में पिछली राजद सरकारों की अस्थिरता को दोबारा जोर-शोर से उभारा। “जंगल राज” की बात कर-कर के उनकी कोशिश यह दिखाने की रही कि उनका शासन अधिक मजबूत और व्यवस्था-प्रधान रहेगा।
गठबंधन ने यह संदेश दिया कि पिछली सरकारों की तुलना में कानून-व्यवस्था बेहतर होगी। ऐसी छवि दर्शकों-मतदाताओं में सुरक्षा और स्थिरता की चाह जगाती है।
महिला-युवाओं ने पलड़ा भारी किया
इसी जीत में महिला मतदाताओं और पहली बार वोट देने वाले युवाओं की भागीदारी निर्णायक साबित हुई। एनडीए की महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजनाएं, खासकर महिला रोज़गार योजनाएं और स्वयं-सहायता समूहों को समर्थन, मतदाताओं को जोड़ने में कामयाब रही।
जमीनी स्तर पर महिला स्वयंसेवकों की सक्रियता ने मतदान को और ऊँचाई दी। युवा नेताओं और स्वयंसेवकों ने सोशल मीडिया और लोक अभियान के ज़रिए घर-घर पहुंच बनाई।
नीतीश कुमार फैक्टर और जेडीयू का सुधार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छवि एक स्थिर और विकास-प्रधान नेता की रही है। उनकी लोकप्रियता ने जद(यू) को मजबूती दी।
मोदी-भाजपा नेतृत्व के साथ उनका तालमेल एनडीए के लिए भारी मतदान लाभ लाया। यह गठबंधन सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर नहीं बल्कि राज्य स्तर पर भी गहरी पैठ बनाने में सफल रहा।




