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Up Kiran, Digital Desk: आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' अभियान को एक बड़ी और ऐतिहासिक कामयाबी मिली है। भारत ने अंतरिक्ष अभियानों (Space Missions) के लिए अपना पहला स्वदेशी प्रोसेसर 'विक्रम-32' (Vikram-32) लॉन्च कर दिया है। इसे हाल ही में आयोजित हुए प्रतिष्ठित 'सेमीकॉन इंडिया 2025' इवेंट में दुनिया के सामने पेश किया गया।

यह प्रोसेसर किसी भी रॉकेट या सैटेलाइट का 'दिमाग' होता है, जो अंतरिक्ष के बेहद मुश्किल और चुनौतीपूर्ण माहौल में भी सारे ऑपरेशन्स को कंट्रोल और मैनेज करता है।

क्यों है यह भारत के लिए इतनी बड़ी उपलब्धि

अब तक, भारत अपने स्पेस मिशन्स के लिए ज़्यादातर विदेशी प्रोसेसरों पर निर्भर रहता था। यह न सिर्फ महंगा पड़ता था, बल्कि इसमें सप्लाई चेन से जुड़ी समस्याएं और सुरक्षा को लेकर भी कई चिंताएं रहती थीं। 'विक्रम-32' के लॉन्च होने से यह निर्भरता अब काफी हद तक कम हो जाएगी।

यह भारत के सेमीकंडक्टर मिशन और अंतरिक्ष कार्यक्रम दोनों के लिए एक मील का पत्थर है। 'विक्रम' प्रोसेसर को इस तरह से बनाया गया है कि यह अंतरिक्ष में होने वाले भारी रेडिएशन और अत्यधिक तापमान को भी झेल सकता है, और पूरी सटीकता के साथ अपना काम कर सकता है।

इस 'मेक इन इंडिया' प्रोसेसर का मतलब है कि अब हमारे सैटेलाइट्स और रॉकेट्स में लगा सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा पूरी तरह से 'भारतीय' होगा। यह न सिर्फ देश का पैसा बचाएगा, बल्कि भारत को दुनिया के उन चुनिंदा देशों की लिस्ट में खड़ा कर देगा, जिनके पास अपनी स्पेस-ग्रेड प्रोसेसर टेक्नोलॉजी है।

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