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Up Kiran, Digital Desk: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या के लगभग तीन साल बाद, उनके हत्यारे तेत्सुया यामागामी ने अदालत में अपना गुनाह कबूल कर लिया है। 45 साल के यामागामी ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा, "मुझ पर लगे सभी आरोप सच हैं।"

यह घटना जुलाई 2022 की है, जब पश्चिमी जापान के नारा शहर में एक ट्रेन स्टेशन के पास शिंजो आबे एक भाषण दे रहे थे। उसी दौरान यामागामी ने पीछे से आकर उन पर एक हैंडमेड बंदूक से गोली चला दी थी। घटना के तुरंत बाद उसे हिरासत में ले लिया गया था।

क्या थी हत्या की वजह: शुरुआत में यामागामी के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठे थे, जिसके लिए उसे लगभग छह महीने तक डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया। जांच के बाद जब यह साफ हो गया कि वह मानसिक रूप से स्वस्थ है, तो उस पर मुकदमा चलाया गया।

पूछताछ में यामागामी ने बताया कि उसकी नाराजगी आबे से नहीं, बल्कि एक धार्मिक संस्था 'यूनिफिकेशन चर्च' से थी। उसका कहना था कि उसकी माँ ने इस संस्था को बहुत बड़ी रकम दान कर दी थी, जिससे उनका परिवार कंगाल हो गया था। उसे शक था कि शिंजो आबे के इस संस्था से संबंध हैं, और इसी वजह से उसने इस घटना को अंजाम दिया।

इस घटना ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था। भारत ने भी शिंजो आबे के सम्मान में एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने जापान गए थे।