
Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए दो टूक कहा है कि वे ही मुख्यमंत्री रहेंगे और अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे. उन्होंने कहा कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों और उपचुनावों में कांग्रेस की जीत से यह स्पष्ट हो जाएगा कि लोग उनकी सरकार के काम से खुश हैं.
क्या है मामला: पिछले कुछ समय से कर्नाटक के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा गर्म थी कि कांग्रेस आलाकमान जल्द ही राज्य में नेतृत्व बदल सकता है. उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं. माना जा रहा था कि दोनों नेताओं के बीच सत्ता के बंटवारे का कोई फॉर्मूला तय हुआ है.
"कोई बदलाव नहीं होगा, अफवाहों पर ध्यान न दें"
सिद्धारमैया ने इन सभी अटकलों को खारिज करते हुए कहा, "मैंने बार-बार स्पष्ट किया है कि कोई बदलाव नहीं होने वाला है. मीडिया सिर्फ अटकलें लगा रहा है और अफवाहें फैला रहा है. आलाकमान ने मुझसे पांच साल तक मुख्यमंत्री बने रहने के लिए कहा है."
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 12 अक्टूबर को बेंगलुरु में कर्नाटक कांग्रेस के नेताओं की एक बैठक होगी. जब उनसे पूछा गया कि क्या डी.के. शिवकुमार ने अलग बैठक बुलाई है, तो उन्होंने कहा, "मैंने उस बैठक के बारे में नहीं सुना है, और यह मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता."
आने वाले चुनाव तय करेंगे भविष्य
सिद्धारमैया ने दावा किया कि उनकी सरकार ने अपने बजट का 75% हिस्सा गारंटी योजनाओं को लागू करने के लिए समर्पित किया है, जिससे जनता खुश है. उन्होंने विश्वास जताया कि बृहत् बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP), जिला और तालुक पंचायतों के चुनावों के साथ-साथ चन्नापटना उपचुनाव में भी कांग्रेस शानदार प्रदर्शन करेगी.
चन्नापटना सीट डी.के. शिवकुमार के भाई डी.के. सुरेश के लिए प्रतिष्ठा का सवाल मानी जा रही है, जो हाल ही में लोकसभा चुनाव हारे थे. सिद्धारमैया के इस बयान ने फिलहाल कर्नाटक में नेतृत्व को लेकर चल रही बहस को शांत कर दिया है, लेकिन राजनीति में आगे क्या होगा, यह तो आने वाले चुनाव के नतीजे ही तय करेंगे.