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बीते वित्त वर्ष (2021-22) में देश में 800 किलो से ज्यादा सोने की तस्करी की गई। इसकी प्राइस 400 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। सोने की तस्करी की खबरें निरंतर आ रही हैं। खासकर अब जब सोने के आयात के लिए कानूनी रास्ते हैं, तो इस कीमती धातु की तस्करी कम होती नहीं दिख रही है। इसके पीछे क्या कारण हैं?

ऐसे होती है सोने की तस्करी

दुबई भारत में तस्करी का अड्डा है। दुबई से भारत में सालों से सोने की तस्करी की जाती है। लेकिन उसके तरीके बदल रहे हैं। सोने की तस्करी के इस अंतरराष्ट्रीय गिरोह (सिंडिकेट) में भारत समेत कई देशों के गिरोह शामिल हैं. दुबई में सोना दक्षिण अफ्रीका, स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रेलिया से आयात किया जाता है। यह सोना विभिन्न देशों से चोरी-छिपे भारत भेजा जाता है। दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में स्थित गिरोह दुबई में अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का हिस्सा बनकर लाखों करोड़ का मुनाफा कमा रहे हैं।

ये है तस्करी का अहम रूट

राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने 1 दिसंबर से 4 दिसंबर के बीच पटना में विदेशी सोने की तीन खेप जब्त की थी। इस बार चार करोड़ रुपए से अधिक कीमत का करीब साढ़े आठ किलो सोना जब्त किया गया। दिलचस्प बात यह है कि पकड़े गए तस्कर महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। 

सूत्रों के मुताबिक गुवाहाटी और इंफाल से तस्करों को सोने की दो खेप मिली है. 2021-22 में भारत में तस्करी किए गए सोने में से 37 फीसदी म्यांमार से डीआरआई ने जब्त किया। देश में जब्त किए गए अवैध सोने का 20 फीसदी खाड़ी देशों से आया है. तस्करी का 7 फीसदी सोना बांग्लादेश के रास्ते भारत पहुंचता है। इसी तरह, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 36 प्रतिशत सोने की तस्करी दूसरे देशों से की जाती थी।

 

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