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Up Kiran, Digital Desk: बुधवार, 6 अगस्त, 2025 को भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में एक अप्रत्याशित घटनाक्रम देखने को मिला. जहां बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) अपनी शुरुआती बढ़त गंवाकर निचले स्तर पर कारोबार कर रहे थे, वहीं हैदराबाद स्थित फार्मास्यूटिकल कंपनी बालेक्सी फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड (Balaxi Pharmaceuticals Limited) के शेयर हरे निशान में चमकते हुए नज़र आए. यह घटना निवेशकों और बाजार विश्लेषकों (market analysts) दोनों के लिए चौंकाने वाली रही, क्योंकि कमजोर तिमाही नतीजों के बावजूद स्टॉक ने अपनी मजबूती बनाए रखी.

सुबह की शुरुआत 'लाल' निशान में, फिर कैसे 'हरे' में बदल गई बालेक्सी की किस्मत?

आज सुबह के कारोबारी सत्र (trading session) में, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर बालेक्सी फार्मास्यूटिकल्स का स्टॉक (Balaxi Pharmaceuticals stock) पिछले बंद भाव 47.20 रुपये के मुकाबले 46.50 रुपये पर लाल निशान में खुला. यह एक सामान्य संकेत था कि बाजार में दबाव है. हालांकि, कुछ ही देर में स्थिति पूरी तरह बदल गई. भारी खरीदारी (firm buying) के दम पर शेयर ने तेजी से वापसी की और 48.48 रुपये के उच्च स्तर को छू गया. आखिरी बार, यह शेयर पिछले कारोबारी सत्र के बंद भाव से 0.87 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 47.61 रुपये पर कारोबार कर रहा था. कंपनी के स्टॉक ने 16 सितंबर, 2024 को 127.45 रुपये का 52-सप्ताह का उच्चतम स्तर (52-week high) दर्ज किया था, जो निवेशकों की पिछली उच्च उम्मीदों को दर्शाता है, जबकि इसका 52-सप्ताह का न्यूनतम स्तर (52-week low) 44.41 रुपये है. यह दर्शाता है कि स्टॉक अपने निचले स्तर के करीब है, जिससे शायद निवेशकों को इसमें खरीदारी का अवसर दिखा.

तिमाही नतीजे 'बर्बाद', फिर भी शेयर में 'जान' क्यों? क्या है बालेक्सी फार्मा का 'छिपा' प्लान?

स्टॉक में यह उछाल तब आया है जब कंपनी ने हाल ही में अपने निराशाजनक तिमाही नतीजे (Quarterly Results) घोषित किए हैं. वित्तीय वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही (April-June quarter) में बालेक्सी फार्मास्यूटिकल्स का शुद्ध लाभ (net profit) 85.84 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 0.19 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 1.38 करोड़ रुपये था.

कंपनी द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी का परिचालन राजस्व (revenue from operations) 16.71 करोड़ रुपये रहा. यह पिछले साल की इसी तिमाही के 19.03 करोड़ रुपये के मुकाबले 12.18 प्रतिशत कम है. इसके अतिरिक्त, जून 2025 में EBITDA (एबिटा - ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई) 1.00 करोड़ रुपये रहा, जो जून 2024 के 2.36 करोड़ रुपये से 57.63 प्रतिशत कम है. यह चौंकाने वाली गिरावट दर्शाती है कि कंपनी को परिचालन स्तर पर चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. ऐसे में शेयर का हरे निशान में कारोबार करना बाजार के कुछ अन्य संकेतों या निवेशकों के भविष्य की उम्मीदों पर आधारित हो सकता है, जैसे कि नए उत्पाद लॉन्च (new product launches), बाजार विस्तार (market expansion), या किसी बड़े ऑर्डर की संभावना. यह भी हो सकता है कि निवेशक इसे वर्तमान गिरावट के बाद एक अच्छा खरीदारी का अवसर (buying opportunity) मान रहे हों.

आज के शेयर बाजार का 'खेल': सेंसेक्स-निफ्टी में क्यों आई गिरावट और कौन रहे 'सिकंदर'?

आज के शेयर बाजार (Stock Market Today) की बात करें तो, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) शुरुआती कारोबार में 124.18 अंक या 0.15 प्रतिशत बढ़कर 80,834.43 पर पहुंच गया था. वहीं, 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) 21.85 अंक बढ़कर 24,671.40 पर पहुंच गया. हालांकि, यह बढ़त ज्यादा देर टिक नहीं पाई. बाद में, दोनों बेंचमार्क इंडेक्स अपनी शुरुआती बढ़त गंवाकर निचले स्तर पर आ गए. बीएसई बेंचमार्क 82.53 अंक गिरकर 80,627.72 पर कारोबार कर रहा था, और एनएसई निफ्टी 29 अंक गिरकर 24,620.55 पर था. यह गिरावट वैश्विक संकेतों (global cues), कच्चे तेल की कीमतों (crude oil prices), या मुद्रास्फीति (inflation) संबंधी चिंताओं के कारण हो सकती है.

सेंसेक्स (Sensex) की प्रमुख पिछड़ी कंपनियों (major laggards) में एचसीएल टेक्नोलॉजीज (HCL Technologies), इंफोसिस (Infosys), सन फार्मास्यूटिकल्स (Sun Pharmaceuticals), टेक महिंद्रा (Tech Mahindra), एटरनल (Eternal), टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services), महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra), बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance), रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) शामिल थे. यह दर्शाता है कि आईटी (IT), फार्मा (Pharma) और वित्तीय क्षेत्रों (financial sectors) की कुछ बड़ी कंपनियों को आज दबाव का सामना करना पड़ा. वहीं, बढ़ने वाली कंपनियों (gainers) में ट्रेंट (Trent), अडानी पोर्ट्स (Adani Ports), भारती एयरटेल (Bharti Airtel), कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), मारुति (Maruti), अल्ट्राटेक सीमेंट (UltraTech Cement), एशियन पेंट्स (Asian Paints), बीईएल (BEL) और भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) प्रमुख थे. ये कंपनियां बाजार में चुनिंदा खरीदारी का संकेत देती हैं, जो शायद उनके मजबूत बुनियादी सिद्धांतों (strong fundamentals) या भविष्य की विकास संभावनाओं (future growth prospects) से जुड़ी हैं.

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