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अडानी ग्रुप के बारे में 'हिंडनबर्ग रिसर्च' की रिपोर्ट के बाद शेयर बाजार में निवेशकों के लाखों रुपये डूब गए। इस मामले पर अब सीधे सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है और चिंता जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र में सत्तारूढ़ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक, जिसे बैंकों के बैंक के रूप में जाना जाता है, उनसे पूछा है कि निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए मौजूदा नियामक तंत्र को कैसे मजबूत और सशक्त बनाया जाए।

समिति के गठन का संकेत

SC ने भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को सोमवार को इस संबंध में जानकारी मुहैया कराने का निर्देश दिया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने अपनी ओर से एक विशेषज्ञ समिति बनाने के भी निर्देश दिए हैं। समिति इस बारे में सलाह देगी कि मौजूदा प्रणाली को और अधिक कुशल कैसे बनाया जाए।

सोमवार को जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश

अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को वित्त मंत्रालय के विशेषज्ञों से चर्चा करने और सोमवार को कोर्ट को यह बताने का निर्देश दिया है कि मौजूदा नियामक व्यवस्था में क्या सुधार किया जा सकता है।

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