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Google Search Suggestionsजासूसी के एक हाई-प्रोफाइल मामले में फंसे भारतीय-अमेरिकी विद्वान एशले टेलिस को एक अमेरिकी अदालत ने मुकदमे से पहले रिहा करने का आदेश दिया है. यह फैसला टेलिस के वकीलों द्वारा जांच में पूरा सहयोग करने का वादा करने और "अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति उनकी आजीवन प्रतिबद्धता" का हवाला देने के बाद आया है.

क्या है पूरा मामला: 64 वर्षीय एशले टेलिस, जो अमेरिका के एक जाने-माने राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ हैं, को इस महीने की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने वर्जीनिया स्थित घर पर अवैध रूप से टॉप-सीक्रेट रक्षा दस्तावेज जमा कर रखे थे एफबीआई (FBI) को उनके घर की तलाशी में एक हजार से ज्यादा पन्नों की क्लासिफाइड सामग्री मिली थी इन दस्तावेजों में अमेरिकी सैन्य क्षमताओं से जुड़ी फाइलें भी शामिल थीं.

अदालत ने रिहाई के साथ रखीं कड़ी शर्तें

वर्जीनिया की एक अदालत की जज लिंडसे रॉबिन्सन वाला ने टेलिस की प्री-ट्रायल रिहाई को सख्त शर्तों के साथ मंजूरी दे दी.

उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना होगा.[

उनकी यात्रा पर प्रतिबंध रहेगा और उन पर इलेक्ट्रॉनिक निगरानी रखी जाएगी.

उनकी इंटरनेट तक पहुंच भी सीमित कर दी जाएगी.[

जज ने यह भी कहा कि टेलिस का अमेरिका में 40 साल से अधिक समय से रहना, एक अमेरिकी नागरिक से उनकी शादी और इलाके में उनकी मजबूत पारिवारिक जड़ें यह दर्शाती हैं कि उनके देश छोड़कर भागने का कोई खतरा नहीं है. यह रिहाई 1.5 मिलियन डॉलर के एक बॉन्ड पर दी गई है, जिसे उनके पारिवारिक घर द्वारा समर्थित किया गया है और उस पर उनकी पत्नी धुन टेलिस ने भी हस्ताक्षर किए हैं.

बचाव पक्ष ने आरोपों को किया खारिजटेलिस की कानूनी टीम ने जासूसी के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है.उन्होंने दलील दी कि टेलिस के कार्य "जासूसी नहीं, बल्कि विद्वतापूर्ण जिज्ञासा" से उपजे थे और उन्होंने जानबूझकर कोई जानकारी नहीं छिपाई. उनके वकीलों ने चीन के अधिकारियों से मिलने की बात को भी पारदर्शी अकादमिक आदान-प्रदान बताया, न कि कोई गुप्त मिशन.