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नांद्याल: अपनी ड्यूटी निभाते हुए देश के लिए जान कुर्बान करने वाले पुलिसकर्मियों की याद में मंगलवार को नांद्याल में 'पुलिस स्मृति दिवस' मनाया गया। जिला पुलिस कार्यालय में हुए इस भावुक कार्यक्रम में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई और उनके परिवारों के प्रति सम्मान व्यक्त किया गया।

इस मौके पर जिले के कलेक्टर जी. राजा कुमारी और एसपी सुनील श्योराण समेत कई बड़े अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरुआत शहीदों को गार्ड ऑफ ऑनर देने के साथ हुई, जिसके बाद उन सभी पुलिसकर्मियों के नाम पढ़े गए, जिन्होंने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवा दी।

सबसे मुश्किल पेशों में से एक है पुलिसिंग

कलेक्टर राजा कुमारी ने पुलिस फोर्स की निस्वार्थ सेवा की तारीफ करते हुए कहा, "पुलिसिंग सबसे मुश्किल पेशों में से एक है। पुलिसवाले मौसम या अपने आराम की परवाह किए बिना चौबीसों घंटे हमारी सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं।" उन्होंने पुलिसकर्मियों से अपनी सेहत और परिवार का ध्यान रखने की अपील की और कहा कि आज के समय में साइबर क्राइम जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है।

हमेशा याद रहेगा बलिदान

एसपी सुनील श्योराण ने कहा कि पुलिसकर्मी अक्सर मुश्किल हालात में अपने परिवार से दूर रहकर देश की सेवा करते हैं। उन्होंने 1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में चीनी घुसपैठियों का सामना करते हुए शहीद हुए सीआरपीएफ के दस जवानों को याद किया, जिनकी शहादत के बाद से ही यह दिन 'पुलिस स्मृति दिवस' के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इन शहीदों का बलिदान हमें हमेशा हिम्मत और प्रेरणा देता रहेगा।

कार्यक्रम में मौजूद एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज अम्मन्नाराजू ने पुलिसकर्मियों की तुलना सीमा पर तैनात सैनिकों से की और कहा कि पुलिसवाले देश के अंदर नागरिकों की जान, माल और सम्मान की रक्षा करते हैं, ताकि हम सब चैन से जी सकें।