Up Kiran, Digital Desk: 5 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐतिहासिक मामला पेश किया। उनका कहना है कि यह मामला अमेरिका की आर्थिक मजबूती और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अगर सुप्रीम कोर्ट उनके द्वारा लागू किए गए टैरिफ को अवैध करार देता है, तो अमेरिका को भारी नुकसान हो सकता है।
ट्रंप ने कहा, "अगर कोर्ट ने हमारे टैरिफ को रद्द किया, तो हमारी अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान होगा। मुझे पूरा यकीन है कि हमारी अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में घिर जाएगी।" यह बयान उन्होंने सीबीएस को दिए एक इंटरव्यू में दिया, जब उनसे पूछा गया कि अगर कोर्ट उनका टैरिफ रद्द कर देती है तो क्या होगा।
ट्रंप ने इस मुद्दे को देश के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण मामलों में से एक करार दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर लिखा, "यह मामला हमारे राष्ट्र के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। अगर कोई राष्ट्रपति टैरिफ का उपयोग नहीं कर सकता, तो हम दुनिया के प्रमुख देशों के मुकाबले गंभीर नुकसान में आ सकते हैं।"
उनका यह भी कहना था कि उनके कार्यकाल के दौरान अमेरिका की आर्थिक स्थिति मजबूत रही थी, मुद्रास्फीति नियंत्रण में रही थी और शेयर बाजार ने कई बार उच्चतम स्तर को छुआ था। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि चीन और अन्य देशों के साथ व्यापार वार्ताओं में टैरिफ के प्रभाव से बहुत अच्छे और टिकाऊ समझौते हुए थे।
ट्रंप ने विरोधियों पर आरोप लगाया कि "यह विरोध उन देशों से आ रहा है, जिन्होंने सालों तक अमेरिका का फायदा उठाया और जिनका उद्देश्य देश को कमजोर करना है।"
हालांकि, ट्रंप ने यह स्पष्ट किया कि वह सुप्रीम कोर्ट के सत्र में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा, "मैं नहीं चाहता कि इस फैसले का महत्व घटे।" ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अमेरिका के लिए एक ऐतिहासिक और निर्णायक मोड़ करार दिया।
अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट ट्रंप के टैरिफ के पक्ष में फैसला करेगा या नहीं। इस मामले में यह देखा जाएगा कि क्या ट्रंप के पास अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (IEEPA) के तहत शुल्क लगाने का कानूनी अधिकार है।
ट्रंप के टैरिफ से, आयात शुल्क को 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया था, खासकर भारत, ब्राजील और चीन जैसे प्रमुख व्यापारिक साझेदारों पर। अगर सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप के खिलाफ फैसला सुनाया, तो इससे उनकी आर्थिक रणनीति पूरी तरह से बदल सकती है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं होगा कि सभी शुल्क तुरंत रद्द कर दिए जाएंगे, लेकिन इससे भविष्य में टैरिफ नीति पर गहरा असर पड़ सकता है।
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