img

Up kiran,Digital Desk : क्रिकेट का मैदान सिर्फ बल्ले और गेंद की जंग नहीं होता, कभी-कभी यह सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई भी बन जाता है। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच रांची में हुए वनडे मैच के बाद कुछ ऐसा ही देखने को मिला, जब 'किंग' कोहली ने एक ऐसा काम किया जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहा है।

मैच खत्म होने के बाद, जब दोनों टीमों के खिलाड़ी एक-दूसरे से हाथ मिला रहे थे, तो विराट कोहली ने दक्षिण अफ्रीका के कोच शुकरी कोनराड को पूरी तरह से 'इग्नोर' कर दिया। उन्होंने कोच को देखा, और फिर बिना हाथ मिलाए, उनके पीछे खड़े खिलाड़ी की तरफ बढ़ गए।

देखने में यह एक छोटी सी घटना लगती है, लेकिन इसके पीछे एक बड़े अपमान की कहानी छिपी है, जिसका बदला विराट ने अपने ही अंदाज़ में लिया।

तो क्या है यह 'ग्रोवेल' (Grovel) वाला पूरा विवाद?

यह कहानी शुरू हुई थी टेस्ट सीरीज के दौरान। गुवाहाटी टेस्ट मैच के बाद दक्षिण अफ्रीका के कोच शुकरी कोनराड ने एक ऐसा शब्द इस्तेमाल किया, जिस पर बहुत बड़ा बवाल खड़ा हो गया था। उन्होंने कहा था कि उनकी टीम चाहती थी कि भारत "ग्रोवेल" (Grovel) करे।

अब आप सोचेंगे कि इसमें क्या है? 'Grovel' कोई आम क्रिकेट का शब्द नहीं है। इसका मतलब होता है किसी को नीचा दिखाना, उसे गिड़गिड़ाने या घुटने टेकने पर मजबूर करना। इतिहास में इस शब्द का इस्तेमाल अक्सर अपमान करने और नस्लीय टिप्पणी के लिए भी होता रहा है। कोनराड के इस बयान के बाद गावस्कर से लेकर कुंबले तक, क्रिकेट के हर बड़े दिग्गज ने इसकी कड़ी आलोचना की थी।

और अब विराट ने दिया जवाब!

अब रांची में, जब वही कोच हाथ मिलाने के लिए विराट के सामने आए, तो विराट ने उन्हें अनदेखा कर दिया। फैंस इस वीडियो को हाथों-हाथ ले रहे हैं और कह रहे हैं कि विराट ने कोच को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया है।

  • एक फैन ने लिखा, "इसे कहते हैं 'ग्रोवेल ट्रीटमेंट'।"
  • दूसरे ने लिखा, "किंग कोहली के होते हुए कोई उनके देश का मजाक नहीं उड़ा सकता।"

मैच में भी कोहली ने दिया था करारा जवाब

कोच के इस बयान का जवाब विराट ने सिर्फ मैदान के बाहर ही नहीं, बल्कि अपने बल्ले से भी दिया था। इसी मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए विराट कोहली के 135 रनों की शानदार शतकीय पारी की बदौलत 349 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था। भारत ने यह मैच 17 रनों से जीता।

यह पूरी घटना बताती है कि क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि जज़्बात, सम्मान और स्वाभिमान का भी अखाड़ा है। और जब बात देश के सम्मान की आती है, तो विराट कोहली जैसे खिलाड़ी जवाब देना बखूबी जानते हैं।