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Up Kiran, Digital Desk: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक चौंकाने वाला और गंभीर खुलासा किया है, जो आधुनिक समाज की एक बड़ी समस्या को उजागर करता है: 'अकेलापन' अब केवल एक भावना नहीं, बल्कि एक 'वैश्विक महामारी' का रूप ले चुका है। WHO के अनुसार, दुनिया में हर 6 में से 1 व्यक्ति अकेलेपन से प्रभावित है, और यह अकेलापन हर घंटे लगभग 100 मौतों का कारण बन रहा है!

ये आंकड़े बेहद परेशान करने वाले हैं और बताते हैं कि अकेलापन सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। WHO ने कहा है कि सामाजिक अलगाव (social isolation) और अकेलेपन का प्रभाव दिन में 15 सिगरेट पीने जितना खतरनाक हो सकता है। यह हृदय रोग, स्ट्रोक, डिमेंशिया और अवसाद जैसी गंभीर बीमारियों के जोखिम को बढ़ाता है।

यह समस्या किसी एक उम्र या समूह तक सीमित नहीं है; युवा, बुजुर्ग, शहरी और ग्रामीण सभी इससे प्रभावित हो रहे हैं। डिजिटल युग में जहां लोग एक-दूसरे से जुड़े हुए महसूस करते हैं, वहीं वास्तविक मानवीय संपर्क की कमी अकेलेपन को बढ़ावा दे रही है।

WHO ने सरकारों, समुदायों और व्यक्तियों से इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देने और इसे हल करने के लिए सामूहिक प्रयास करने का आग्रह किया है। इसमें सामाजिक संपर्क बढ़ाने वाले कार्यक्रमों को बढ़ावा देना, मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना, और अकेलेपन से जूझ रहे लोगों के लिए समर्थन प्रणाली विकसित करना शामिल है।