img

Up Kiran, Digital Desk: एक दौर था, जब भारत का मतलब हॉकी और हॉकी का मतलब भारत होता था. मेजर ध्यानचंद के नाम से दुनिया कांपती थी और ओलंपिक गोल्ड मेडल हमारे लिए चाय में बिस्किट डुबोने जैसा था. उसी सुनहरे दौर, उसी गौरवशाली इतिहास के 100 साल पूरे होने का जश्न रेल कोच फैक्ट्री (RCF), कपूरथला ने बड़े ही अनोखे और शानदार अंदाज़ में मनाया.

यहां कोई औपचारिक भाषण या कार्यक्रम नहीं हुआ, बल्कि जश्न मना उस मैदान पर, जहां से इस खेल की रूह जुड़ी है. RCF ने भारतीय हॉकी के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मैत्रीपूर्ण हॉकी मैचों का आयोजन किया, जिसमें युवा जोश और अनुभवी दिग्गजों का एक अद्भुत संगम देखने को मिला.

मैदान पर उतरा सुनहरा अतीत

इस मौके पर दो खास मैच खेले गए. पहला मुकाबला RCF की मौजूदा हॉकी टीम और स्थानीय खिलाड़ियों की एक टीम के बीच हुआ, जिसमें दोनों टीमों ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया. लेकिन असली महफिल तो दूसरे मैच ने लूटी.

दूसरा मैच था 'वेटरन्स मैच', जिसमें RCF से जुड़े पूर्व अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के हॉकी सितारे एक बार फिर हॉकी स्टिक थामे मैदान पर उतरे. इन खिलाड़ियों में ओलंपियन संजीव कुमार, बलजीत सिंह ढिल्लों, लाजर्स बारला, दलजीत सिंह ढिल्लों और गगनअजीत सिंह जैसे बड़े नाम शामिल थे. इन दिग्गजों को एक बार फिर मैदान पर अपनी कला का प्रदर्शन करते देखना युवा खिलाड़ियों के लिए किसी सपने के सच होने जैसा था. उनकी कलाई का जादू और खेल की समझ आज भी वैसी ही थी, जिसने कभी दुनिया भर में भारत का डंका बजाया था.

दिग्गजों को सलाम

RCF के महाप्रबंधक ने इन सभी महान खिलाड़ियों को सम्मानित किया और भारतीय हॉकी में उनके योगदान को याद किया. उन्होंने कहा, "यह हमारे लिए गर्व की बात है कि भारतीय हॉकी के 100 साल के इस सुनहरे सफर में RCF भी एक छोटा सा हिस्सा रहा है. ये खिलाड़ी हमारी असली धरोहर हैं और इन्हें देखकर आज भी युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है.

यह आयोजन सिर्फ जीत-हार का खेल नहीं था, बल्कि यह उस विरासत का जश्न था, जिसे ध्यानचंद जैसे जादूगरों ने शुरू किया और इन जैसे अनगिनत खिलाड़ियों ने अपने खून-पसीने से सींचा. यह उस जुनून को सलाम था, जो आज भी करोड़ों भारतीयों के दिलों में हॉकी के लिए धड़कता है. RCF का यह प्रयास यह बताने के लिए काफी है कि भले ही वक्त बदला हो, लेकिन हॉकी आज भी हमारे दिलों में ज़िंदा है.