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Up Kiran, Digital Desk: वॉशिंगटन से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसने अमेरिका के सुरक्षा तंत्र में हलचल मचा दी है। एशले टेलिस, जो अमेरिकी सरकार के एक लंबे समय से सलाहकार और भारत-दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ रहे हैं, पर बेहद संगीन आरोप लगे हैं। फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) ने उन पर राष्ट्रीय रक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारी को अवैध रूप से रखने और चीनी अधिकारियों के साथ संदिग्ध मुलाकातें करने का आरोप लगाया है।

FBI द्वारा दायर 10-पन्नों के हलफनामे के अनुसार, टेलिस पर आरोप है कि उन्होंने सुरक्षित सरकारी दफ्तरों से टॉप-सीक्रेट दस्तावेज़ निकालकर अपने घर में रखे थे।यह मामला 13 अक्टूबर, 2025 को वर्जीनिया की एक अदालत में सामने आया।

क्या हैं आरोप: कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेज़ों के मुताबिक, FBI ने टेलिस पर लंबे समय से नजर रखी हुई थी।

टॉप-सीक्रेट दस्तावेज़ों की चोरी: 12 सितंबर, 2025 को वीडियो सर्विलांस में टेलिस रक्षा विभाग के एक केंद्र में "टॉप सीक्रेट" लेवल के दस्तावेज़ प्रिंट करवाते हुए पकड़े गए।

पहचान छिपाने की कोशिश: 25 सितंबर को उन्होंने स्टेट डिपार्टमेंट के एक क्लासिफाइड कंप्यूटर से 1,288 पन्नों की एक 'सीक्रेट' फाइल खोली, उसका नाम बदलकर "Econ Reform" रखा ताकि किसी को शक न हो, और फिर उसके सैकड़ों पन्ने प्रिंट कर लिए।

घर ले जाते हुए पकड़ा: 10 अक्टूबर को FBI ने उन्हें इन गोपनीय कागजातों को नोटपैड में छिपाकर अपने ब्रीफकेस में रखते हुए देखा, जिसे लेकर वह अपने घर चले गए।

चीन से क्या है कनेक्शन: हलफनामे में यह भी खुलासा हुआ है कि टेलिस पिछले कुछ सालों में कई बार चीनी अधिकारियों से मिले थे। एक मुलाकात में तो वह एक लिफाफा लेकर गए और दो घंटे बाद खाली हाथ लौटे। हाल ही में 2 सितंबर, 2025 को हुई एक मीटिंग में चीनी अधिकारियों ने टेलिस को एक लाल रंग का गिफ्ट बैग भी दिया था। इन मुलाकातों में ईरान-चीन संबंध, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अमेरिका-पाकिस्तान जैसे गंभीर विषयों पर चर्चा हुई।

एशले टेलिस एक जाने-माने अकादमिक हैं और भारत के साथ हुए सिविल न्यूक्लियर समझौते की बातचीत में भी शामिल रह चुके हैं। वह विदेश विभाग में अवैतनिक वरिष्ठ सलाहकार होने के साथ-साथ एक थिंक टैंक में भी काम करते हैं।इन आरोपों ने अमेरिकी सुरक्षा और कूटनीतिक गलियारों में कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।