
जम्मू: लद्दाख के लेह में हाल ही में हुई हिंसक झड़पों के बाद, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस कमेटी ने लद्दाख के लोगों की न्यायिक जांच की मांग का पूरा समर्थन किया है. पार्टी ने इस हिंसा के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि सरकार की गलत नीतियों की वजह से क्षेत्र में ऐसे हालात बने हैं.
क्या है मामला: पिछले महीने, 24 सितंबर को लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हो रहा एक विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था.इस दौरान प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़प में 4 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए थे. घटना के बाद से लेह में तनाव का माहौल है और कई दिनों तक कर्फ्यू भी लगा रहा.
कांग्रेस ने की न्यायिक जांच की मांग
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष विकार रसूल वानी और कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला ने इस पूरी घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि शांतिप्रिय लद्दाख में ऐसी हिंसा होना बेहद चिंताजनक है. उन्होंने कहा, "हम लेह की हालिया हिंसक घटनाओं की सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के किसी मौजूदा न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराने की मांग का पूरा समर्थन करते हैं, ताकि सच्चाई सामने आ सके."
"बीजेपी के झूठे वादों का नतीजा है यह हिंसा" - कांग्रेस
कांग्रेस ने इस हिंसा का ठीकरा सीधे तौर पर बीजेपी पर फोड़ा है. पार्टी नेताओं ने कहा कि बीजेपी ने 2019 और 2024 के चुनावों में लद्दाख के लोगों से छठी अनुसूची लागू करने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद अपने वादे से मुकर गई. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार की वादाखिलाफी और अहंकार के कारण आज लद्दाख के लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर हुए हैं.
पार्टी ने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह लोगों का विश्वास बहाल करे और उनकी वास्तविक मांगों को पूरा करे. कांग्रेस ने हिरासत में लिए गए सभी प्रदर्शनकारियों की तत्काल रिहाई की भी मांग की है.