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Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली-एनसीआर में दशहरे का त्योहार उस समय फीका पड़ गया जब जश्न के बीच अचानक तेज बारिश ने दस्तक दे दी। मंगलवार शाम, जब लोग अपने घरों से सज-धज कर रावण दहन देखने और दशहरे के मेले का आनंद लेने के लिए निकल रहे थे, तभी मौसम ने ऐसी करवट ली कि सारे उत्साह पर पानी फिर गया।

शाम होते ही दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम के कई इलाकों में आसमान में काले बादल छा गए और देखते ही देखते तेज बारिश शुरू हो गई। यह बारिश उन लोगों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बनी जो दशहरा ग्राउंड और मेलों में पहुंच चुके थे। बिना किसी चेतावनी के आई इस बारिश से बचने के लिए लोगों को जहां-तहां आसरा लेना पड़ा।

जश्न की तैयारियों पर फिरा पानी

इस बिन मौसम बरसात का सबसे बुरा असर दशहरे के आयोजनों पर पड़ा। कई जगहों पर पानी भरने से कीचड़ हो गया, जिससे लोगों का चलना-फिरना भी मुश्किल हो गया। सबसे ज्यादा नुकसान रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के उन पुतलों को हुआ, जिन्हें बनाने में कारीगरों ने महीनों की मेहनत लगाई थी। बारिश में भीगने से कई पुतले खराब हो गए, जिससे आयोजकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

सड़कों पर भी बारिश का असर साफ दिखा। अचानक बारिश के कारण कई जगहों पर ट्रैफिक जाम हो गया, जिससे ऑफिस से घर लौट रहे लोगों और मेला देखने जा रहे परिवारों को घंटों जाम में फंसे रहना पड़ा।

सोशल मीडिया पर लोगों ने साझा किए वीडियो

देखते ही देखते सोशल मीडिया पर भी DelhiRains ट्रेंड करने लगा। लोग जलभराव, खराब हुए पुतलों और बारिश में भीगते लोगों के वीडियो और तस्वीरें साझा करने लगे। किसी ने इसे "इंद्रदेव का सर्जिकल स्ट्राइक" बताया तो कोई मजाकिया अंदाज में कह रहा था कि “प्रदूषण के डर से रावण दहन से पहले ही भगवान ने बारिश कर दी।”