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Up Kiran, Digital Desk:सर्दियों का मौसम आते ही भारतीय घरों में अचार बनाने की धूम मच जाती है। गाजर हो या गोभी या फिर कोई और मौसमी सब्जी, अचार के बिना थाली अधूरी लगती है। गरमा गरम पराठे हों या सादी दाल चावल, चटपटा अचार हर व्यंजन का स्वाद दोगुना कर देता है। हर घर की रसोई में सालों से यह परंपरा चली आ रही है।

दिलचस्प बात यह है कि मसालों का इस्तेमाल लगभग एक जैसा होता है, फिर भी हर घर के अचार का स्वाद बिलकुल अलग होता है। लेकिन इस मेहनत से बने अचार को लेकर एक बड़ी शिकायत सामने आती है। कभी स्वाद फीका पड़ जाता है तो कभी अचार में जल्द ही फफूंदी लग जाती है। ऐसा क्यों होता है? अक्सर इसकी वजह अचार बनाने के दौरान की गई कुछ छोटी मगर ज़रूरी गलतियां होती हैं।

इस सर्दी में, आपका अचार साल भर स्वादिष्ट और ताज़ा बना रहे, इसके लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, आइए समझते हैं।

अचार बनाते समय भूलकर भी न करें ये 5 गलतियाँ

1. नमी यानी दुश्मन

अचार बनाने का सबसे पहला और ज़रूरी नियम है सूखापन। अगर आप अचार डाल रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपकी सब्जी पूरी तरह से सूखी हो। अगर सब्जियों में पानी का अंश रह जाता है, तो यही नमी आगे चलकर फफूंदी लगने का सबसे बड़ा कारण बनती है। सिर्फ सब्जी ही नहीं, गीले चम्मच या नमी वाले बर्तन का इस्तेमाल भी अचार को खराब कर सकता है। जार को हमेशा कसकर बंद रखें। कई बार तेल की कमी से भी अचार में नमी आ सकती है, इसलिए इस बात पर ध्यान दें।

2. कच्चे मसालों से परहेज़

अचार जल्दी खराब होने की दूसरी बड़ी वजह है कच्चे मसाले। यदि मसाले कच्चे रह जाते हैं, तो उनमें नमी बनी रहती है और यह अचार को खराब कर सकती है। मेथी, राई, सौंफ, हल्दी, लाल मिर्च और अजवाइन जैसे सभी मसालों को अचार में डालने से पहले हल्का भून लेना चाहिए। इससे मसालों की नमी खत्म हो जाती है और उनकी खुशबू भी निखर कर आती है। भूनने के बाद इन्हें दरदरा पीस लें, लेकिन ध्यान रहे कि ये जलें नहीं।

3. धूप का सही इस्तेमाल

अचार को सही तरीके से पकाने और मसालों का स्वाद आपस में मिलाने के लिए धूप बहुत ज़रूरी है। धूप में रखने से फफूंदी लगने की आशंका काफी कम हो जाती है। शुरुआत में कम से कम चार से पाँच दिनों तक, रोज़ाना तीन से चार घंटे के लिए अचार को धूप में रखें। जार को बीच बीच में हल्का हिलाते रहें, ताकि तेल और मसाले सही से मिल जाएं।

4. बर्तन की साफ़-सफ़ाई

अचार को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए बर्तन का साफ़ और सूखा होना अत्यंत आवश्यक है। कई लोग थोड़ी सी नमी वाले बर्तन में अचार डाल देते हैं और फिर फफूंदी की शिकायत करते हैं। अचार को स्टोर करने के लिए कांच या सिरेमिक के जार सबसे बेहतर होते हैं। प्लास्टिक के डिब्बों में अचार डालने से बचें, क्योंकि उनमें महक आने या बैक्टीरिया पनपने का खतरा ज़्यादा होता है।

5. तेल को गर्म करने में कंजूसी

अगर अचार बनाते समय तेल को ठीक से गर्म न किया जाए, तो उसमें बैक्टीरिया और फफूंदी पनपने की आशंका बढ़ जाती है। खासकर सरसों के तेल को धुआँ उठने तक गर्म करें। इसके बाद इसे पूरी तरह ठंडा होने दें। फिर ठंडा किया हुआ तेल अचार में डालें। यदि अचार तेल में पूरी तरह डूबा रहे, तो यह सालों तक खराब नहीं होगा।

यह फीचर स्टोरी उन सभी लोगों के लिए है जो सर्दियों में परफेक्ट अचार बनाना चाहते हैं। इन छोटी छोटी बातों का ध्यान रखकर आप अपने अचार को सालों तक स्वादिष्ट और सुरक्षित रख सकते हैं।