Akhilesh Yadav ने कीर्ति कोल का नामांकन कराने गए अपने नेताओं को ये कह कर लगाई क्लास!

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लखनऊ। चुनावों में समाजवादी पार्टी को लगातार मिल रही असफलताओं के चलते सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का मिजाज कुछ ठीक नहीं। अक्सर वो पार्टी नेताओं पर अपनी भड़ास निकलते रहते हैं। ताजा मामला एमएलसी उप-चुनाव को लेकर सामने आया है ,जिसमें उम्र सीमा के मामले में सपा प्रत्याशी कीर्ति कोल का पर्चा खारिज होने के बाद सपा अध्यक्ष अपना आपा खो बैठे। जिसके बाद पार्टी की रणनीतियों को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। इस घटनाक्रम के बाद सबसे ज्यादा फजीहत प्रस्तावकों की हो रही है। हालाँकि प्रस्तावकों में सपा मुखिया अखिलेश यादव का भी नाम है।

अखिलेश के अलावा प्रस्तावकों में विधायक रविदास मेहरोत्रा, विधायक मनोज कुमार पांडेय, अमिताभ बाजपेई, मोहम्मद हसन रुमी, राम सिंह, हाजी इरफान सोलंकी, प्रदीप कुमार यादव, प्रभु नारायण सिंह यादव और धर्मराज सिंह यादव हैं। इतना ही नहीं नामांकन के समय प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल भी मौजूद थे। इसके बावजूद किसी ने भी कीर्ति कोल द्वारा भरा गया नामांकन पत्र नहीं देखा, जिसमें उनकी उम्र 28 साल अंकित थी। पर्चा खारिज होने के बाद नेतृत्व पर सवाल तो खड़े हुए ही, साथ ही विरोधियों ने भी खूब आड़े हाथों लिया। जिसके बाद अखिलेश यादव ने बुधवार को जिम्मेदारों को पार्टी कार्यालय में तलब कर लिया और जमकर क्लास लगाई।

प्रस्तावक बनकर गये पार्टी के नेताओं को बुलाया

सूत्रों ने बताया कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इस मामले में प्रस्तावक बनकर गये पार्टी के नेताओं को बुलाया और पूछताछ की कि इतनी बड़ी गलती कैसे हुई। नेताओं ने अपनी सफाई दी और कहा कि इस पर ध्यान नहीं गया, क्योंकि कीर्ति कोल भी राजनीतिक परिवार से आतीं हैं और इतनी बड़ी गलती की उम्मीद नहीं थी। हालांकि, अखिलेश यादव नाराज हुए लेकिन साथ ही यह भी कहा कि आगे से इस तरह की गलतियां नहीं होने पाएं। इसकी जिम्मेदारी बड़े नेताओं को संभालनी होगी।

कृष्णा पटेल नहीं आतीं तो प्रस्तावकों की और लगाई जाती क्लास

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) जब जिम्मेदारों की क्लास ले रहे थे, तभी अपना दल कमेरावादी की कृष्णा पटेल आ गईं और उनसे बातचीत होने लगी। करीब एक घंटे तक अखिलेश यादव और कृष्णा पटेल के बीच बातचीत हुई। इस दौरान वहां अपनी सफाई देने गये प्रस्तावक इंतजार करते रहे और कुछ देर के बाद उन्हें जाने का निर्देश दे दिया गया। सूत्रों ने बताया कि अगर कृष्णा पटेल नहीं आतीं तो प्रस्तावकों की और क्लास लगाई जाती।

यहां पर लाइन ना लगायें – Akhilesh Yadav

Akhilesh Yadav ने इसके बाद उनका इंतजार कर रहे दूसरे नेताओं से भी जाकर मुलाकात की। इसमें पार्टी के कई विधायक भी वहां मौजूद रहे। अखिलेश यादव ने सबको निर्देश देते हुए कहा कि यहां पर लाइन ना लगायें और क्षेत्र में जाकर पार्टी के सदस्यता अभियान को तेज करें। उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता कार्यालय में ना बैठें, जो यहां आ रहे हैं सबकी अटेंडेंस चेक की जा रही है। कार्यालय में बैठकी करने वाले नेताओं को उन्होंने सख्त हिदायत देते हुए फिल्ड में जाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को पार्टी से जोड़ने के निर्देश दिये।

लापरवाही की ये पहली घटना नहीं

एमएलसी उप-चुनाव में लापरवाही समाजवादी पार्टी की ओर से पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी घोसी के तत्कालीन भाजपा विधायक और वर्तमान में बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने इस्तीफा दिया था। जिसके बाद घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ और समाजवादी पार्टी ने पूर्व विधायक सुधाकर सिंह को चुनावी मैदान में उतारा। लेकिन, इस चुनाव में अखिलेश (Akhilesh Yadav) के दस्तखत वाला फार्म बी पहुंच ही नहीं पाया। जिसके कारण सुधाकर सिंह को निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा और करारी हार हुई। इस चुनाव में विजय राजभर ने भाजपा से जीत हासिल की थी।

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