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लखनऊ ।। तीर्थराज प्रयाग की तपस्थली इन दिनों सनातन धर्मावलंबियों से आबाद है। तंबुओं की नगरी में जप-तप का दौर परवान चढ़ चुका है। साथ ही संत-महात्माओं की सोशल मार्केटिंग परवान चढ़ती नजर आ रही है।

लगभग हर महात्मा के हाथ में स्मार्टफोन है और वह वाट्सएप पर सक्रिय रहते हैं। वाट्सएप में भक्तों का ग्रुप बनाकर अपना संदेश, प्रवचन का वीडियो व फोटो लगातार अपडेट करते हैं। फेसबुक और ट्विटर पर भी कुछ बाबाओं की दुनिया गुलजार है।

साकेत धाम आश्रम पीठाधीश्वर जगद्गुरु बिनैका बाबा का अधिकतर समय वाट्सएप पर बीतता है। ‘बिनैका बाबा भक्तमंडल’ नामक ग्रुप बनाकर वह हर संदेश उसमें अपडेट करते हैं। देश के कोने-कोने में मौजूद उनके भक्त आसानी से माघ मेला के स्वरूप को देख पाते हैं। वह कहते हैं-‘समाज में बदलाव की अनदेखी नहीं की जा सकती।’ काशी सुमेरुपीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ‘आदिशंकराचार्य सुमेरुपीठ’ नामक ग्रुप बनाकर अपनी हर गतिविधि उसमें डालते रहते हैं।

दंडी संन्यासी समिति के महामंत्री स्वामी कहते हैं-‘हमारे शिविर से सारे संदेश आपको वाट्सएप, ट्विटर व फेसबुक पर मिल जाएंगे। सारा काम स्मार्टफोन से आसानी से हो जाता है। इससे दूर बैठे भक्तों को सहूलियत मिलती है।’ ऐसा करने वाले सिर्फ यही नहीं हैं, मेला क्षेत्र आए हर प्रमुख संत-महात्माओं के हाथों में महंगे मोबाइल फोन शोभा बढ़ा रहे हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिये संत देश की सीमाएं तोड़कर अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर भक्तों की हर समस्या का समाधान कर रहे हैं।

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