नई दिल्ली ।। कोर्ट ने GST को लेकर बड़ा एलान किया है कि आध्यात्मिक ज्ञान जरूरी नहीं कि टैक्स से मुक्त हो। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अब धार्मिक ग्रंथ, धार्मिक मैगजीन और DVD के साथ-साथ धर्मशाला और लंगर GST के दायरे में होंगे।
कोर्ट की दलील है कि इन चीजों की बिक्री एक कारोबार है और इन्हें खैरात मानते हुए कर (GST) से मुक्त नहीं किया जा सकता है। महाराष्ट्र की कोर्ट के पास टैक्स संबंधी यह मामला श्रीमद राजचंद्र आध्यात्मिक सत्संग साधना केन्द्र के खिलाफ आया।
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कोर्ट के सामने संस्था ने दलील दी कि उसका प्रमुख काम धार्मिक b आध्यात्मिक शिक्षा का प्रसार है, इस वजह से उसके कामों के कारोबार की संज्ञा नहीं दी जानी चाहिए।
फोटो- फाइल
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