
लखनऊ। प्रवासी मज़दूरों को कांग्रेस की ओर से मुहैया करायी गयी बसों को अनुमति देने के मामले में यूपी सरकार की ओर से लगातार अड़चनें पैदा की जा रही हैं। कल रात काफी मशक्क्त के बाद बसों को सीधे ग़ाज़ियाबाद और नोएडा भेजने की अनुमति दी गई थी। आज जब कांग्रेस ने अपनी सभी बसों को उस दिशा में रवाना करने की तैयारी की तो स्थानीय अधिकारियों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। अधिकारियों का कहना है कि उन्हें ऊपर से इससे संबंधित कोई निर्देश नहीं प्राप्त हुआ है।
उत्तर प्रदेश कि सीमा पर दो दिनों से बेहद दर्दनाक दृश्य नजर आ रहा है। एक तरफ़ हजारों कि तादाद में मय बच्चों के प्रवासी मज़दूर जेठ की चिलचिलाती दोपहरी में सड़कों पर जल रहे हैं। बगल में ही एक हज़ार ख़ाली बसें उनको ले जाने के लिए अनुमति का इंतज़ार कर रही हैं। वहीँ यूपी की योगी सरकार द्वारा बसों को अनुमति देने में लगातार अड़चनें पैदा की जा रही है। इस मुद्दे पर योगी सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है।
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कांग्रेस ने आरोप लगाया कि श्रमिकों को उनके गंतव्य तक ले जाने के लिए दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर खड़ी 1000 बसों को दस्तावेज समेत लखनऊ भेजने की उत्तर प्रदेश शासन की मांग राजनीति से प्रेरित है। लगता है कि प्रदेश सरकार मुश्किल में फंसे मजदूरों की मदद नहीं करना चाहती।
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इस सिलसिले में प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने अपर सचिव अवनीश अवस्थी को फिर पत्र लिखा है। इसके साथ ही यूपी सीमा पर खड़ी बसों के साथ कांग्रेस नेताओं ने ताज़ा स्थितियों का बयान किया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का कहना है कि सरकार जानबूझकर गुमराह कर रही है। हमारी बसें तैयार हैं। सरकार अनुमति दे।